नई दिल्ली
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्ष और केंद्र सरकार में घमासान जारी है। इसमें दिख रही विपक्षी एकजुटता की छाप शनिवार (27 मई) को नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में भी दिखेगी।
नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने मना कर दिया है। इन नेताओं ने ऐसे समय में ये कदम उठाया है, जब 28 मई को नई संसद के उद्घाटन समारोह से भी दूरी बनाई है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग की संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। आयोग की संचालन परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री को शामिल होना है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (26 मई) को पीएम मोदी को एक लेटर लिख कर कहा है कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले पर केंद्र के अध्यादेश के कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सहकारी संघवाद को ‘मजाक‘ बना दिया गया है। आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी क्यों शामिल नहीं हो रहीं?
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के नीति आयोग की बैठक में शामिल ना होने का कारण वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने काम की व्यस्तता बताया है। उन्होंने कहा कि इसको देखते मुझे और मुख्य सचिव को भेजने के अनुरोध को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है।
किन मुद्दों पर होंगी चर्चा?
नीति आयोग ने बताया कि मीटिंग विकसित भारत @2047, टीम इंडिया की भूमिका विषय पर होगी। आयोग ने बयान जारी कर कहा कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के तौर पर भारत अपने आर्थिक विकास पथ ऐसे चरण में है, जहां यह अगले 25 साल में तेज गति से वृद्धि हासिल कर सकता है।
बयान के अनुसार, ‘‘बैठक में आठ मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी। ये मुद्दे हैं… विकसित भारत @2047, एमएसएमई ;सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमद्ध पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, अनुपालन को कम करना, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, और क्षेत्र के विकास तथा सामाजिक बुनियादी ढांचा के लिए गति शक्ति।