हरिद्वार, 27 जुलाई — उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल हरिद्वार में शनिवार को मां मनसा देवी मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब एक हाई वोल्टेज बिजली का तार अचानक गिर गया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया और भीड़ में भगदड़ मच गई।

बिजली के तार गिरने से मची भगदड़

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही बिजली का तार गिरा, वहां मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे संकरी राहों पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस भगदड़ में कई लोग गिर गए और कुछ कुचले जाने से मौके पर ही दम तोड़ बैठे

घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

राहत और बचाव कार्य तेज़

घटना के बाद उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और अन्य आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और रेस्क्यू अभियान जारी है। घटनास्थल को सील कर दिया गया है और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक, दिए जांच के आदेश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा, “हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई दुखद भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

मुख्यमंत्री ने प्रशासन से पूरा घटनाक्रम स्पष्ट करने और हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

श्रावण मास में भारी भीड़, व्यवस्था पर उठे सवाल

यह हादसा श्रावण मास के दौरान तीर्थस्थलों पर बढ़ती भीड़ के बीच हुआ है। हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर, जो शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित है, श्रावण के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और आधारभूत ढांचे की खामियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए स्थायी और प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए, विशेषकर बिजली सुरक्षा और आपात प्रतिक्रिया प्रणाली को लेकर।