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घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को हल्की गिरावट के साथ कारोबार समाप्त हुआ। शुरुआती कमजोरी और अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंताओं के बीच दोपहर के कारोबार में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली, लेकिन अंतिम घंटे की तीव्र बिकवाली ने बाजार को नुकसान में धकेल दिया।

बीएसई सेंसेक्स 296 अंकों की गिरावट के साथ 81,186 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी-50 87 अंक लुढ़ककर 24,768 पर बंद हुआ। व्यापक बाजारों में भी कमजोरी रही, जहां बीएसई मिड-कैप इंडेक्स 0.7% और स्मॉल-कैप इंडेक्स 0.8% से अधिक टूट गया।

प्रमुख शेयरों का हाल

सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।
टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 2.2% की गिरावट रही। सन फार्मा ने 1.7% और अडानी पोर्ट्स ने 1.5% का नुकसान दर्ज किया।

वहीं, बढ़त वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 3.5% की मजबूती दर्ज की। एटरनल में 1.4% और आईटीसी में 1% की बढ़त रही।

सेक्टोरल परफॉर्मेंस

बीएसई के 21 सेक्टोरल इंडेक्स में से 19 में गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख गिरावट वाले सेक्टर:

  • टेलीकॉम: 1.8% गिरा
  • ऑयल एंड गैस: 1.5% फिसला
  • ऑटो: 1.4% कमजोर रहा

वहीं, बढ़त वाले सेक्टर्स में एफएमसीजी ने 1.1% की मजबूती दिखाई और सर्विसेज इंडेक्स 0.3% चढ़ा।

बाजार की धारणा

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका की ओर से भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के बाद वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ा है, जिसका असर घरेलू बाजार की धारणा पर भी पड़ा है। इसके अलावा निवेशक आगामी आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की नीतिगत दिशा का भी इंतजार कर रहे हैं।

हालांकि, चुनिंदा क्षेत्रों में खरीदारी देखने को मिली, खासतौर पर रक्षा पंक्ति (डिफेंसिव सेक्टर) जैसे एफएमसीजी में। बाजार की निगाहें अब आने वाले हफ्तों में व्यापार वार्ताओं और आर्थिक संकेतकों पर टिकी रहेंगी।