AKHILESH YOGI

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा पर जमकर सियासत हो रही है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि वह मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाना चाह रहा है, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है।

संभल में डीएम के आदेश पर धारा-163 लगा दी गई है। कई सपा नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के जवान तैनात कर दिये गए हैं। इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर यूपी में प्रशासन के मुद्दे पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने एक सोशल मीडिया पोस्‍ट कर यूपी प्रशासन पर हमला बोला है।

सपा ने सरकार से मृतकों के परिजनों को 25 लाख देने की अपील की

समाजवादी पार्टी ने यूपी के संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। पार्टी का कहना है कि वह मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।

सपा का कहना है कि योगी सरकार को भी मृतकों के परिजनों की सहायता करनी चाहिए। मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए।

संभल जा रही कैराना से सांसद इकरा हसन को पुलिस ने हापुड में रोका

संभल जा रहीं कैराना से सांसद इकरा हसन को हापुड़ में पुलिस ने टोल प्लाजा पर रोक लिया। यहां मीडिया से बात करते हुए कैराना सांसद इकरा हसन ने कहा कि हमें हकीकत जानने से रोका जा रहा है। हम संभल के पीड़ितों से मिलना चाहते हैं, उनका दुख दर्द जानना चाहते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन हमें जाने से रोक रहा है और दंगे के पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

अखिलेश का सवाल- दूसरे दिन का सर्वे क्यों कराया गया?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से संभल की घटना पर सीधा आरोप योगी सरकार और प्रशासन पर लगाया है। उन्होंने कहा कि जब पहले दिन के सर्वे में सबने साथ दे दिया था, सर्वे का काम हो गया था। फिर दूसरे दिन का सर्वे क्यों कराया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे दिन का सर्वे जानबूझकर माहौल ख़राब करने के लिए कराया गया। उन्होंने कहा कि सर्वे करने के लिए जो लोग अंदर गए, उन्होंने जानबूझकर नारे लगाए, ताकि माहौल बिगड़ जाये। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी इसमें मिले हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। सपा के प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने से रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सरकार डरी हुई है। संभल की घटना को हम संसद सत्र में उठाने की कोशिश करेंगे।

सपा नेताओं के सामने पुलिस की ‘दीवार’

सपा नेता और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे अपनी गाड़ी में संभल जाने के लिए बैठे थे, लेकिन उनकी गाड़ी को रोकने के लिए पुलिस ने दोनों तरफ़ पुलिस की गाड़ियां लगा कर सड़क को बंद कर दिया। प्रशासन के अधिकारी माता प्रसाद पांडे को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अपने घर से निकलने की कोशिश में लगे हुए हैं। माता प्रसाद पांडे ने मीडिया से कहा कि निषेधाज्ञा संभल में है, तो उन्हें लखनऊ में क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने प्रशासन पर डरने का आरोप लगाया है। माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि तीन दिन पहले डीजीपी ने उन्हें संभल ना जाने को कहा था, लेकिन अब तीन दिन बाद फिर उन्हें रोका जा रहा है।

संभल में प्रशासन बिगाड़ा सौहार्द-शांति का वातावरण: अखिलेश यादव 

अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए।

संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक रोक

उधर, संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक रोक लगा दी है।

जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसीया ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जनपद की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना 10 दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा।’ यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए शनिवार को संभल का दौरा करने वाला था।

अब कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी संभल जाएगा

बता दें कि सपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल जाएगा और वहां हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को सौंपेगा। वहीं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि दो दिसंबर को संभल मामले की जानकारी हासिल करने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा।

संभल हिंसा में 4 लोगों की हुई मौत

संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार किये गये सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। अदालत ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था। पिछले 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये थे।

ये है सपा का प्रतिनिधिमंडल…

समाजवादी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पाल के पत्र को ‘एक्स’ पर साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर को संभल जाएगा और हिंसा की घटना की विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट उन्हें सौंपेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसदगण हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और नीरज मौर्य को शामिल किया गया है।

सपा नेता जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज

संभल हिंसा मामले में जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ भड़काऊ कार्य करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इनके अलावा प्रतिनिधिमंडल में विधायकगण कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद और पिंकी सिंह यादव समेत सपा के कुल 15 लोगों को शामिल किया गया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा मामले की निष्पक्ष जांच का पुलिस महानिदेशक से आश्वासन मिलने पर सपा ने अपने प्रतिनिधिमंडल का प्रस्तावित दौरा स्थगित कर दिया था। संभल जिला प्रशासन ने जिले में निषेधाज्ञा लागू कर रखी है और 30 नवंबर तक वहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक है।