
रिपोर्ट: अन्दलीब अख्तर
भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह का अंत ज़बरदस्त तेजी के साथ किया। इसकी बड़ी वजह रही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा उम्मीद से अधिक की गई मौद्रिक नीतिगत ढील। आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आरबीआई ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती कर उसे 5.50% कर दिया, वहीं कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) में भी 100 आधार अंकों की बड़ी कटौती की गई। इस साहसिक कदम से बाजार में उत्साह की लहर दौड़ गई, जिससे बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 747 अंक यानी 0.92% की बढ़त के साथ 82,189 पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 सूचकांक 252 अंक यानी 1.02% चढ़कर 25,003 के अहम स्तर पर बंद हुआ।
मझोले और छोटे शेयरों में भी दिखा जोश
तेजी केवल प्रमुख सूचकांकों तक सीमित नहीं रही। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स ने भी बढ़िया प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.91% की वृद्धि हुई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.43% ऊपर बंद हुआ। इससे साफ जाहिर है कि तेजी व्यापक स्तर पर फैली रही।
सेंसेक्स में ज्यादातर शेयर हरे निशान में, बजाज फाइनेंस सबसे आगे
सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयरों ने हरे निशान में कारोबार खत्म किया। सबसे ज्यादा बढ़त बजाज फाइनेंस में दर्ज की गई, जो 5.01% चढ़ा। इसके बाद एक्सिस बैंक 3.11% और मारुति 2.64% की तेजी के साथ उभरे। ये बढ़त मुख्य रूप से ब्याज दरों में कटौती के बाद लोन की मांग बढ़ने और खपत में इजाफे की उम्मीद के चलते देखने को मिली।
वहीं, केवल दो शेयर नुकसान में रहे—सन फार्मा में 0.10% की मामूली गिरावट और भारती एयरटेल में 0.39% की गिरावट दर्ज की गई।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस: रियल्टी सेक्टर की बंपर छलांग
बीएसई के 21 सेक्टोरल इंडेक्स में से 19 इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। रियल्टी इंडेक्स ने 4.74% की जोरदार छलांग लगाई, क्योंकि ब्याज दरों में गिरावट से रियल एस्टेट की मांग में उछाल आने की संभावना जताई जा रही है। फाइनेंस सेक्टर में 1.79% और मेटल्स में 1.56% की तेजी रही।
दूसरी ओर, केवल दो सेक्टरों—कैपिटल गुड्स (0.30%) और इंडस्ट्रियल्स (0.08%)—में मामूली गिरावट दर्ज की गई।
बाजार की चौड़ाई और तकनीकी संकेतक
बीएसई में कुल 2,278 कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 1,744 कंपनियों के शेयर गिरे और 134 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। एनएसई पर 95 कंपनियों के शेयरों ने अपना 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर छुआ, जो निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाता है, जबकि केवल 18 कंपनियों ने 52-सप्ताह का न्यूनतम स्तर छुआ।
आरबीआई की आक्रामक मौद्रिक नीति और विकास पर केंद्रित रुख ने बाजार को नई ऊर्जा दी है। यदि यह गति बरकरार रहती है, तो आने वाले दिनों में बाजार और भी ऊंचाइयों को छू सकता है।