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दुर्गा पूजा और दशहरा उत्सवों के कारण ई-नीलामी में तेजी आई है: मीनाक्षी लेखी


एस एन वर्मा
नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किए गए उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक शानदार श्रृंखला का प्रदर्शन करते हुए एक ई-नीलामी कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस ई-नीलामी में देश की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाली कलाकृतियों का एक अनूठा संग्रह है। ई-नीलामी 2 से 31 अक्टूबर, 2023 तक की जा रही है।

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केंद्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ई-नीलामी के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि दुर्गा पूजा और दशहरा उत्सवों के कारण ई-नीलामी में तेजी आई है। यह ई-नीलामी सफल नीलमियों की श्रृंखला का 5वां संस्करण है, जिनमें पहला संस्करण जनवरी 2019 में आयोजित हुआ था। उन्होंने कहा कि पिछले 4 संस्करणों में, 7000 से ज्यादा वस्तुओं को ई-नीलामी के लिए रखा गया था और इस बार ई-नीलामी के लिए 912 वस्तुएं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा को संरक्षित करने, बहाल करने और इसकी संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन का उपयोग इस महान कार्य में योगदान के लिए किया जाएगा और यह अमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करेगा।


इस आयोजन का एक उल्लेखनीय क्षण दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में स्मृति चिह्नों की क्यूरेटेड प्रदर्शनी रहा, जिसमें 15,500 से ज्यादा आगंतुक शामिल हुए। लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, प्रदर्शनी में क्यूरेटेड वॉकथ्रू, श्रवण-बाधितों के लिए सांकेतिक भाषा में आयोजित पर्यटन और दृष्टिबाधितों के लिए स्पर्श अनुभव पर्यटन शामिल किए गए।
मंत्री ने ई-नीलामी के 5वें संस्करण में विभिन्न वस्तुओं की लोकप्रियता पर प्रकाश डाला, जिसमें भगवान लक्ष्मी नारायण विट्ठल और देवी रुक्मिणी की प्रतिमा , बछड़े के साथ कामधेनु की स्मृति चिन्ह , जेरूसलम की स्मारिका ), अराणमुला कन्नाडी , भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की पीतल की मूर्ति , राम दरबार की मूर्ति और स्वर्ण मंदिर अमृतसर का मॉडल आदि शामिल हैं।

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इसके अलावा, मंत्री ने उच्च कलात्मक मूल्य वाले स्वदेशी कलाकृतियों पर प्रकाश डाला जो संग्रहालयों में या कलाप्रेमियों के घरों में रखने के लिए बहुत उपयुक्त हैं। ये कला कृतियां सम्मान और देखभाल के लायक हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं में पद्मश्री कलाकार दुर्गा बाई की गोंड पेंटिंग , चंबा रूमाल , कावड़ कला , कर्नाटक के यक्षगान नृत्य की टोपी और बीदरी कला में बसवन्ना की आवक्ष प्रतिमा शामिल हैं। परंपरा को ध्यान में रखते हुए, इस ई-नीलामी से प्राप्त धन को विशेष रूप से नमामि गंगे कार्यक्रम के समर्थन में एक नेक काम में लगाया जाएगा। केंद्र सरकार की यह प्रमुख पहल हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा को संरक्षित करने, बहाल करने और इसके संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन देश की अमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।

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