AGENCIES /AMN / गाज़ीपुर

DON TURNED POLITICIAN, EX MLA मुख्तार अंसारी को आज सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया। समर्थकों की भारी भीड़ और कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी के जनाजे को कब्रिस्तान ले जाया गया। इस दौरान ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई। पुलिस के भारी सुरक्षा इंतजाम के साथ मुख्‍तार अंसारी को यूसूफपुर मोहम्मदाबाद (गाज़ीपुर) के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया गया। मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिता सुभान उल्लाह अंसारी के बगल में है। मुख्तार अंसारी का शव परिवारवालों की मौजूदगी में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

बांदा जेल में उन्हें ‘धीमा जहर’ दिये जाने का आरोप

मुख्तार अंसारी की मौत पर उठ रहे सवालों के बीच शुक्रवार को मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए। अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में उन्हें ‘धीमा जहर’ दिया गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षा अलर्ट के बीच डॉक्टरों के एक पैनल ने बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में शव का पोस्टमार्टम किया। हालांकि, पोस्‍टमार्टम की रिपोर्ट भी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

लेकिन शुरुआत में कहा गया कि दिल का दौरा पड़ने से मुख्‍तार अंसारी की मौत हुई।

24 गाड़ियां काफिले में भेजा गया शव

बांदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के एक समूह द्वारा पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्‍दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया गया। 26 गाड़ियों का काफिला शुक्रवार शाम पौने पांच बजे गाजीपुर के लिए रवाना हुआ था। इस काफिले में मौजूद मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने बताया कि अंसारी का शव उसके छोटे बेटे उमर अंसारी, बहू निकहत अंसारी और दो चचेरे भाइयों के सुपुर्द किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अधिकारियों की 24 गाड़ियां काफिले में था और दो गाड़ियां अंसारी के परिवार की थीं।

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

बांदा के मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश के मुताबिक वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा द्वारा 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की न्यायिक जांच के लिए अधिकारी नामित करने की याचना की गयी थी। सीजेएम ने नियुक्त जांच अधिकारी से एक माह के अंदर जांच आख्‍या मांगी है। इसके पहले महानिदेशक (कारागार) एसएन साबत ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच होगी।

मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था। गाजीपुर के सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने मंगलवार को कहा था, “मुख्तार ने बताया था कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है।” अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में ‘धीमा जहर’ दिया गया है, जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।

सवालों के घेरे में इलाज
मुख्तार की मौत के मामले में जेल प्रशासन तो शुरू से ही सवालों के घेरे में था, अब जनपद का मेडिकल कॉलेज भी इसमें शामिल हो गया है। 26 मार्च को तड़के मुख्तार को जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया पेट में दर्द की शिकायत थी। उसका पूरे दिन करीब 14 घंटे तक इलाज चला फिर यहां के डॉक्टरों ने साधारण कब्ज की बीमारी बताकर उसे 26 की शाम को ही वापस जेल भेज दिया।

यहां भी अस्पताल में रखने के बजाए बैरक में रखा गया। इसके बाद 28 मार्च को कैसे इतनी हालत बिगड़ गई कि उसे हार्ट अटैक पड़ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं न कहीं 26 मार्च के इलाज में भी हीलाहवाली की गई। जिस कारण मुख्तार का मर्ज पकड़ में नहीं आ सका। इतना ही नहीं उसे किसी बड़े अस्पताल तो दूर जेल के अस्पताल में भी रखना क्यो नहीं मुनासिब समझा गया। इन सवालों का जवाब भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को जांच रिपोर्ट में देना पड़ेगा।

जेल में ही पड़ा था मुख्तार को दिल का दौरा
वहीं, पोस्टमार्टम के बाद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की वजह डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताई है। डॉक्टरों के मुताबिक, मुख्तार को आठ-सवा आठ बजे के आसपास दिल का दौरा पड़ा था। यही वह समय था, जब जेल में मुख्तार का चेकअप अधिकारियों के सामने किया जा रहा था। उसकी बेहोशी की हालत देखकर करीब 8:30 बजे उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था।

शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के शव का पांच डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। तीन डाक्टर जिला अस्पताल के डॉ. महेश, डॉ. एसडी त्रिपाठी, विकास, पीजीआई के हदय रोग विशेषज्ञ डॉ. तिवारी, मेडिकल कालेज के डॉ. सुनील बंसल थे।

मुख्तार अंसारी की मौत मामले में जांच तेज कर दी गई है। जिला जज व डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल एसपी अंकुर अग्रवाल ने जेल में मुख्तार अंसारी प्रकरण (Mukhtar Ansari Case) से संबंधित जांच की। जेल का निरीक्षण भी किया है। संबंधित पत्रावलियों को देखा गया। हालांकि बाहर निकलने पर उन्होंने मीडिया कर्मी को कोई जवाब नहीं दिया है।