
इंद्र वशिष्ठ,
कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने राज्य सभा में कहा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को भाजपा सरकार ने व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया है।
सोनिया गांधी ने राज्य सभा में शून्य काल के दौरान कहा कि बजट आवंटन 86,000 करोड़ रुपए पर स्थिर है, जो सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में दस साल का सबसे निचला स्तर है। वास्तविकता में आवंटित बजट में 4,000 करोड़ रुपए की कमी आई है। इसके अलावा, अनुमान बताते हैं कि लगभग 20 प्रतिशत आवंटित राशि पिछले सालों के बकाया भुगतान को निपटाने में खर्च हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त, इस योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें आधार आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली को शामिल करना, वेतन भुगतान में लगातार देरी और मुद्रास्फीति की भरपाई के लिए पर्याप्त वेतन दरें न होना शामिल है।
सोनिया गांधी ने मांग कि इस योजना को बनाए रखने और विस्तार करने के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किया जाए, न्यूनतम मजदूरी बढ़ा कर 400 रुपए प्रति दिन की जाए, मजदूरी का समय पर भुगतान हो, आधार आधारित भुगतान प्रणाली की अनिवार्यता और एनएमएमएस की अनिवार्य आवश्यकताओं को हटाना चाहिए और गारंटीकृत कार्य दिवसों की संख्या को प्रति वर्ष 100 से बढ़ाकर 150 करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं कि महात्मा गांधी नरेगा सम्मानजनक रोजगार और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करे।
सोनिया गांधी ने कहा कि इस योजना को यूपीए सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लागू किया गया था। यह ऐतिहासिक कानून लाखों ग्रामीण गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चक्र साबित हुआ है।