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रिपोर्ट: आर. सूर्यमूर्ति

12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विमानन विशेषज्ञों ने इस हादसे के कई संभावित कारण बताए हैं। इस हादसे में विमान में सवार सभी 242 लोगों की मौत हो गई थी। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था और टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही गिर गया — जो भारत के हाल के इतिहास की सबसे गंभीर विमान दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही है।

एक प्रमुख संभावना पक्षी टकराव (बर्ड स्ट्राइक) की है, जिससे इंजन फेल हो सकता है। रिटायर्ड वरिष्ठ पायलट कैप्टन सौरभ भटनागर ने कहा कि यदि दोनों इंजन पक्षियों के निगलने से बंद हो गए, तो विमान आवश्यक थ्रस्ट नहीं बना सका और निचली ऊंचाई पर ही गिर गया। हादसे के समय विमान लगभग 625 से 825 फीट की ऊंचाई पर था।

विमानन विशेषज्ञ संजय लाजर के अनुसार, दूसरा संभावित कारण फ्लैप को जल्दी समेटने या कम रफ्तार की वजह से “स्टॉल” हो सकता है। अगर टेकऑफ के दौरान गलती से फ्लैप जल्दी बंद कर दिए गए हों, तो लिफ्ट कम हो जाती है और विमान तेजी से नीचे गिर सकता है।

मौसम और ऑपरेशनल स्थितियां भी भूमिका निभा सकती हैं। उस समय तापमान करीब 43°C था और विमान पूरी तरह यात्रियों और ईंधन से लदा था। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पायलटों ने इंटरसेक्शन टेकऑफ किया हो सकता है, जिसमें रनवे का छोटा हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है — जो गर्मी और भार की स्थिति में जोखिम भरा हो सकता है।

पायलट की गलती भी एक संभावित कारण मानी जा रही है। गलत फ्लैप सेटिंग या टेकऑफ गति (V2) का गलत अनुमान भी स्टॉल का कारण बन सकता है। सह-पायलट के अनुभव (लगभग 1,100 घंटे उड़ान) को लेकर भी सवाल उठे हैं, हालांकि इसका सीधा प्रमाण नहीं है।

कुछ विशेषज्ञों ने इंजन की अचानक शक्ति क्षति के पीछे यांत्रिक खराबी, ईंधन की गड़बड़ी या बाहरी वस्तुओं (जैसे पक्षी) से नुकसान को भी संभावित वजह माना है। बताया जा रहा है कि पायलटों ने क्रैश से पहले “मेडे” कॉल किया था, जिससे स्पष्ट है कि वे किसी गंभीर समस्या को पहचान चुके थे। लेकिन इसके तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया।

अब तक दुर्घटना के स्पष्ट कारण की पुष्टि नहीं हुई है। डीजीसीए और एएआईबी ने संयुक्त जांच शुरू की है, जिसमें बोइंग तकनीकी सहायता देगा। फ्लाइट डेटा और कॉकपिट ऑडियो रिकॉर्ड करने वाले ब्लैक बॉक्स की जांच से अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। हालांकि कुछ अटकलें तोड़फोड़ या साजिश को लेकर भी हैं, पर फिलहाल ऐसे किसी सबूत की पुष्टि नहीं हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने भयावह दृश्य का वर्णन किया है। स्थानीय निवासी विक्रम जोशी ने जोरदार धमाके की आवाज और आग की लपटों में लिपटा विमान देखा। मेघानी नगर में दुर्घटनास्थल के पास रहने वालों ने धुएं और बिखरे शवों को देखा, क्योंकि विमान एक इमारत से टकरा गया था जिसमें मेडिकल स्टाफ रहता था।

AI171 की यह दुर्घटना बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की पहली घातक दुर्घटना है, जिसे 2011 में लॉन्च किया गया था। फ्लाइटट्रैकर फ्लाइटरडार24 के अनुसार विमान दोपहर 1:17 पर उड़ान भरने के बाद लगभग 600 फीट की ऊंचाई पर ट्रांसपोंडर सिग्नल गंवा बैठा।

वैश्विक स्तर पर अधिकांश विमान दुर्घटनाएं टेकऑफ या लैंडिंग के समय होती हैं। विमान सुरक्षा विश्लेषक साइमन एश्ले बेनेट का मानना है कि वाणिज्यिक विमानों में पायलट की गलती अभी भी सबसे आम कारण है, उसके बाद यांत्रिक गड़बड़ियां, मौसम, साजिश और अन्य मानवीय भूलें (जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोल या मेंटेनेंस में चूक) आती हैं।

इस मामले में जांचकर्ता यह देख रहे हैं कि क्या अधिक गर्मी और पूर्ण ईंधन लोड ने विमान की प्रदर्शन सीमा को पार कर दिया था। यदि इन स्थितियों में बर्ड स्ट्राइक हुआ, तो नतीजा उतना ही विनाशकारी हो सकता है — जैसा कि हुआ।

AI171 की दुर्घटना पर दुनियाभर से संवेदनाएं आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष मंत्रियों को अहमदाबाद भेजा है, जबकि कनाडा के मार्क कार्नी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने दुख जताया है। बोइंग ने कहा है कि वह एयर इंडिया के संपर्क में है और जांच में पूरी मदद करेगा।

AAIB ने मलबा बरामद करना शुरू कर दिया है, और बचाव कार्यों में भारतीय सेना की मदद ली जा रही है। मृतकों की आधिकारिक सूची का इंतज़ार है, जबकि सैकड़ों परिवार अपने प्रियजनों के लिए शोक में डूबे हैं।

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