
स्टॉकहोम, 10 जून —
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) श्री ज्ञानेश कुमार ने स्वीडन में आयोजित स्टॉकहोम इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इलेक्टोरल इंटीग्रिटी में अपने मुख्य भाषण के दौरान भारत की चुनावी प्रणाली की मजबूती, पारदर्शिता और समावेशिता को विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत किया। यह सम्मेलन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (International IDEA) द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 50 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
श्री कुमार ने कहा कि भारत में चुनावों का निष्पक्षता और ईमानदारी से संचालन, देश की लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग (ECI) न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर के कई देशों के EMBs के साथ मिलकर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने भारत के संसदीय चुनावों की विशालता और जटिलता को रेखांकित करते हुए बताया कि हाल ही में सम्पन्न 2024 के आम चुनावों में लगभग 97.9 करोड़ मतदाता, 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र, और 62 लाख ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें) उपयोग में लाई गईं। इस प्रक्रिया में 2 करोड़ से अधिक चुनावकर्मी, सुरक्षा बल, पर्यवेक्षक और राजनीतिक दलों के एजेंट शामिल रहे, जिससे यह चुनाव आयोग दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी संस्था बन गई।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में चुनावी प्रक्रिया की निगरानी राजनीतिक दलों, मीडिया और पर्यवेक्षकों द्वारा की जाती है, जो हर स्तर पर “सहायक ऑडिटर” की तरह कार्य करते हैं।
श्री कुमार ने भारत की चुनावी यात्रा की ऐतिहासिक झलक भी दी — 1951-52 में जहां 17.3 करोड़ मतदाता थे, वहीं 2024 में यह संख्या 97.9 करोड़ हो गई। इस बार 743 राजनीतिक दलों ने भाग लिया, जिनमें 6 राष्ट्रीय, 67 राज्य स्तरीय और शेष अन्य पंजीकृत दल थे। कुल 20,271 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
उन्होंने भारत में मतदाता सूची की पारदर्शी प्रक्रिया को भी प्रमुखता से रखा। 1960 से अब तक हर साल, सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ मतदाता सूची साझा की जाती है, जिसमें दावा, आपत्ति और अपील की पूरी प्रक्रिया होती है।
भारत की समावेशी चुनावी प्रणाली पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि प्रथम बार मतदाताओं से लेकर 85 वर्ष से अधिक वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, तीसरे लिंग के मतदाताओं और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों तक सभी के लिए मतदान की विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं। हिमाचल प्रदेश के ताशिगंग जैसे उच्चतम ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्रों तक चुनाव आयोग की पहुंच, “हर मतदाता तक पहुंच” के सिद्धांत को सिद्ध करती है।
सम्मेलन के इतर, श्री कुमार ने यूके, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, क्रोएशिया सहित कई देशों के चुनाव अधिकारियों से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इनमें प्रवासी मतदान, चुनाव तकनीक और संस्थागत विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि भारतीय चुनाव आयोग न केवल देश में, बल्कि विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों का नेतृत्व कर रहा है।