‘इंसाफ और फैसले में फर्क होता है’, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा पर आजम खान की पहली प्रतिक्रिया

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सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, आजम का धर्म दूसरा है इसलिए उनके साथ अन्याय हो रहा है. उनके खिलाफ साजिश और षड्यंत्र की गई है. आजम खान मुसलमान हैं इसलिए उन्हें इस तरह की सजा का सामना करना पड़ा है.

गौरतलब है कि बुधवार फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है.

 पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरुण प्रकाश सक्सेना ने कहा, ‘तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा.’ 

तीन जनवरी,  2019  को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज करायी गई एक प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र प्राप्त किए. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने इसमें से एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से प्राप्त किया गया था.  

आरोप पत्र के अनुसार, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी. इसके अनुसार दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था. साल 2022  के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008  के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला आज़म ने सजा पर रोक के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई.