
BY ASHU SAXENA
तेलंगाना के बाद अब आंध्र प्रदेश सरकार ने भी रमजान के महीने में मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को एक घंटे पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी है। यह छूट 2 मार्च से 30 मार्च 2025 तक लागू होगी, ताकि कर्मचारी रोजा खोलने और नमाज अदा करने के लिए समय निकाल सकें। तेलंगाना में विपक्षी दल बीजेपी प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है।
बीजेपी आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तुष्टिकरण का वायरस तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में फैल गया है, जिसने रमज़ान के दौरान मुस्लिम राज्य कर्मचारियों के लिए काम के घंटे कम करने को मंजूरी दे दी है। हिंदुओं को नवरात्रि के व्रत के दौरान ऐसी कोई छूट नहीं दी जाती है।
आंध्र प्रदेश की गठबंधन सरकार में बीजेपी शामिल है। ऐसे में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने रमजान के दौरान मुसलिम कर्मचारियों को रोजे खोलने के लिए एक घंटे की छूट देकर बीजेपी के लिए दिक्कत खड़ी कर दी है। एनडीए घटक टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडु के इस फैसले से बीजेपी को झटका लगा है।
बीजेपी तेलंगाना सरकार के ऐसे ही फैसले का विरोध कर रही है। केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार में बीजेपी शामिल है। केंद्र की मोदी सरकार चंद्रबाबू नायडु और नीतीश कुमार की पार्टियों के समर्थन के चलते ही बहुमत का आंकड़ा हासिल कर सकी है। ऐसे में जब बीजेपी के सामने बिहार विधानसभा चुनाव की बड़ी चुनौती है, वहीं चंद्रबाबू नायडु के इस रूख के बाद बीजेपी के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गयी है।
आंध्र प्रदेश में 30 मार्च तक रोजेदारों को मिलेगी राहत
आंध्र प्रदेश सरकार के आधिकारिक आदेश में कहा गया है, “मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, संविदा, आउटसोर्सिंग, बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को 2 मार्च से 30 मार्च तक सभी कार्य दिवसों पर कार्यालय या स्कूल छोड़ने की अनुमति दी गई है, ताकि वे आवश्यक धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर सकें।”
रमजान का पवित्र महीना एक या दो मार्च से शुरू हो सकता है। यह चांद दिखने के हिसाब से तय होगा, मगर इससे पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, वहां के मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के महीने में एक घंटा पहले ऑफिस से जाने की अनुमति होगी। यह आदेश मुस्लिम रेग्युलर राज्यकर्मियों के साथ शिक्षकों, संविदा कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग, बोर्ड और ग्राम/वार्ड सचिवालयों में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों पर लागू होगा। इस आदेश के बाद मुस्लिम कर्मचारी इफ्तार से पहले शाम चार बजे से पहले स्कूल या ऑफिस छोड़कर जा सकेंगे। राज्य सरकार का यह आदेश 30 मार्च तक प्रभावी रहेगा।
‘तुष्टिकरण का वायरस फैला रही है कांग्रेस’: बीजेपी
वहीं तेलंगाना सरकार के फैसले का विरोध करते हुए बीजेपी ने मुस्लिम कर्मचारियों के लिए काम के घंटे कम करने के आदेश की आलोचना की है। बीजेपी आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तुष्टिकरण का वायरस तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में फैल गया है, जिसने रमज़ान के दौरान मुस्लिम राज्य कर्मचारियों के लिए काम के घंटे कम करने को मंजूरी दे दी है। हिंदुओं को नवरात्रि के व्रत के दौरान ऐसी कोई छूट नहीं दी जाती है। अमित मालवीय ने कहा है कि यह दिखावा मुसलमानों की भलाई के लिए नहीं बल्कि एक वोट बैंक बनाने के लिए है। इसका विरोध किया जाना चाहिए।