प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से एक दूसरे के साथ अपने सर्वाेत्तम अभ्यासों को साझा करने को कहा

एस एन वर्मा


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री रेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से बातचीत की। पुरस्कार विजेताओं ने प्रधानमंत्री के साथ अपने शिक्षण अनुभव साझा किए। उन्होंने सीखने को और अधिक रोचक बनाने के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दिलचस्प तकनीकों के बारे में भी बात की। उन्होंने अपने नियमित शिक्षण कार्य के साथ-साथ उनके द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों के उदाहरण भी साझा किए। उनके साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने शिक्षण के प्रति उनके समर्पण और पिछले कुछ वर्षों में उनके द्वारा दिखाए गए उल्लेखनीय उत्साह की सराहना की, जिसे पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता मिली है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभाव पर चर्चा की और अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षक छात्रों को विभिन्न भाषाओं में स्थानीय लोककथाएँ सिखा सकते हैं, ताकि छात्र कई भाषाएँ सीख सकें और भारत की जीवंत संस्कृति से भी परिचित हो सकें।


प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को भारत की विविधता को जानने के लिए शैक्षणिक भ्रमण पर ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें सीखने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने देश के बारे में समग्र रूप से जानने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।


प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि पुरस्कार विजेता शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ना चाहिए और अपनी सर्वाेत्तम प्रथाओं को साझा करना चाहिए ताकि हर कोई ऐसी प्रथाओं से सीख सके, उन्हें अपना सके और उनसे लाभ उठा सके।


प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण सेवा प्रदान कर रहे हैं और आज के युवाओं को विकसित भारत के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी उनके हाथों में है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन्हें सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से न केवल शिक्षा क्षेत्र की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। इस वर्ष पुरस्कारों के लिए देश भर से 82 शिक्षकों का चयन किया गया, जिनमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा चुने गए 50 शिक्षक, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चुने गए 16 शिक्षक और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा चुने गए 16 शिक्षक शामिल हैं।