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AMN / नई दिल्ली

चुनाव आयोग ने समाचार पत्रों को याद दिलाया है कि लोगों को गुमराह करने के लिए समाचार सुर्खियों के रूप में राजनीतिक विज्ञापन देने में सतर्क रहें। इसमें यह भी कहा गया है कि किसी विशेष पार्टी की जीत की भविष्यवाणी करने वाले विज्ञापनों पर स्पष्ट प्रतिबंध होना चाहिए।

आयोग ने विज्ञापनों में असत्यापित और आधारहीन आरोपों के मुद्दों को संबोधित करने की मांग करते हुए कहा, ‘चुनाव परिणामों से संबंधित किसी भी प्रकार की अटकल सामग्री से बचा जाना चाहिए।’

मीडिया कवरेज पर इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक प्रेस नोट में, चुनाव पैनल ने कहा कि मतदान से पहले और मतदान के दिन प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के लिए संबंधित मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति से पूर्व-प्रमाणन की आवश्यकता होगी।

चुनाव आयोग ने कहा कि ‘राजनीतिक विज्ञापन, विशेष रूप से स्काईबस विज्ञापन जो पाठकों को गुमराह करने के लिए समाचार सुर्खियों के रूप में छपी कोई भी सामग्री अखबारों में प्रकाशित नहीं की जाएगी।’

चुनाव आयोग ने प्रिंट मीडिया का ध्यान भारतीय प्रेस परिषद द्वारा जारी दिशानिर्देशों और चुनाव के दौरान पत्रकारों के आचरण के मानदंडों -2022 की ओर आकर्षित किया। इसी तरह, इसने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन द्वारा जारी चुनावी प्रसारण के लिए दिशानिर्देश की याद दिलाई।

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