भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से मौसम उपग्रह-इनसेट थ्री डी एस का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह उपग्रह जीएसएलवी रॉकेट से आज शाम पांच बजकर 35 मिनट पर अंतरिक्ष में भेजा गया। सभी नियंत्रण केन्द्रों से पुष्टि मिलने के बाद स्वचालित प्रक्षेपण की प्रकिया शुरू की गई।
प्रक्षेपण के लगभग बीस मिनट बाद इनसेट–थ्री डी एस कोनिर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। क्रायोजेनिक चरण सहित सभी तीनों चरणों में रॉकेट आशा के अनुरूप रहा।
इनसेट–थ्री डी एस भारत का ऐसा चौथा मौसम उपग्रह है जो दस वर्षों तक काम करेगा और वातावरण में होने वाले परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं के बारे में आंकडे एकत्रित करेगा। इस उपग्रह से बचाव अभियानों तथा हर प्रकार के मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगाने में सहायता मिलेगी। यह उपग्रह आग लगने, वर्षा, हिमपात या किसी अन्य विनाशकारी स्थिति में भी जानकारी उपलब्ध करायेगा। प्रक्षेपण देखने के लिए आगंतुक दीर्घा में स्कूली बच्चों और युवाओं सहित बडी संख्या में लोग मौजूद थे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने बताया कि इनसेट थ्री डी एस का मिशन सफल रहा है। श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण के बाद श्री सोमनाथ ने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सभी विभागों का यह बेहतरीन सामूहिक प्रयास रहा। मिशन के निदेशक टॉमी जोसेफ ने बताया कि जीएसएलवी को हमेशा ही शरारती बच्चा कहा जाता था लेकिन अब यह एक आज्ञाकारी बच्चा बन चुका है और आज के शानदार प्रक्षेपण ने यह सिद्ध भी कर दिया है।
उन्होंने बताया कि इनसेट थ्री डी एस का पे-लोड पचास किलोग्राम अधिक है। श्री जोसेफ ने कहा कि इसरो, नासा द्वारा नासार के प्रक्षेपण की प्रतीक्षा कर रहा है। उपग्रह निदेशक इम्तियाज अहमद ने बताया कि भविष्य में अंतरिक्ष के क्षेत्र में विस्तार करना इसरो के लिए महत्वपूर्ण है और इसरो इस दिशा में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि वर्तमान पे-लोड प्रणालियां जमीन और समुद्र दोनों में मौसम के सटीक पूर्वानुमान, आपदा से जुडे आंकडे एकत्र करने और सेवाओं को निरंतर जारी रखने में सहायता करेंगी।
ब्रुनेई और पोर्ट ब्लेयर स्थित नियंत्रण केन्द्रों से इनसेट थ्री डी एस पर नजर रखी जा रही है। सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के निदेशक ए राजाराजन ने बताया कि यह प्रशेपित किया गया सबसे भारी उपग्रह है और यह सभी चरणों में सुचारू रूप से आगे बढ रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लक्ष्य को बखूबी हासिल कर लिया गया है।