नई दिल्ली

साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच की दरार खुलकर सामने आने लगी है, जिससे साफ हो गया है कि विपक्ष के आईएनडीआईए (इंडिया) गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस के जातीय जनगणना की मांग के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों ने सत्ता में रहते हुए जातीय जनगणना क्यों नहीं की। अखिलेश यादव की इस टिप्पणी के बाद विपक्षी मोर्चे में शामिल दोनों पार्टियों के बीच के मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।

राहुल गांधी की जातीय जनगणना की मांग और एक्स-रे वाली टिप्पणी पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पिछली सरकारों ने अपनी दोषपूर्ण नीतियों की वजह से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। सपा नेता ने मध्य प्रदेश के सतना में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस पर निशाना साधा। बता दें कि राहुल गांधी ने सोमवार को एक रैली में कहा था कि जातीय जनगणना एक एक्स-रे की तरह होगी। जो कि विभिन्न समुदायों का पूरा विवरण देगीं। राहुल के इस बयान पर अखिलेश ने कहा है कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब उसने एक्स-रे नहीं करवाया।

सपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग ‘चमत्कार’ है।

‘कांग्रेस की मांग बड़ा चमत्कार’

राहुल गांधी पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो यह समस्या उसी समय हल हो सकती थी। अगर एक्स-रे उसी समय हो गया होता तो परेशानी इतनी नहीं बढ़ती। उन्होंने कहा कि अब तो एमआरआई और सीटी स्कैन का जमाना है। सपा नेता ने कहा कि कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग करना सबसे बड़ा ‘चमत्कार’ है। यह वही पार्टी है, जिसने आजादी के बाद जातीय जनगणना बंद करा दी थी।

‘कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक उनके साथ नहीं’

अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना बंद कराने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि जब नेता जी मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव और दक्षिण भारत की पार्टियों ने लोकसभा में जातीय जनगणना की मांग उठाई थी, तब कांग्रेस ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस जातीय जनगणना क्यों कराना चाहती है। सपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को पता है कि उनका पारंपरिक वोट बैंक उनके साथ नहीं है। वहीं पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासियों को पता है कि आजादी के बाद कांग्रेस ने उनको धोखा दिया था।

कांग्रेस-सपा के बीच दरार

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और सपा के बीच की दरारें खुलकर सामने आने लगी हैं। अखिलेश यादव ने 17 नवंबर को मध्य प्रदेश चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर उनके संबंधों में खटास आने के बीच दावा किया कि कांग्रेस उनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहती है। पिछले हफ्ते अखिलेश ने कहा था कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया और जाति जनगणना का विरोध किया था। सपा नेता ने मध्य प्रदेश की एक रैली में कहा था कि राज्य में सत्ता में रहते न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी ने गरीबों और किसानों के लिए कुछ भी किया। दोनों पार्टियों के बीच जारी तनाव के बीच पिछले महीने अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि सपा अब भी आईएनडीआईए (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा है। (जनादेश)