नई दिल्ली

देश में एक बार फिर मंदिर मस्जिद का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू नेता बनने वाले बयान को लेकर आजकल बहुत चर्चा है। इसी बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोहन भागवत पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है। वह जो भी कहते हैं, उसके उल्टा काम करते हैं।

उन्होंने कहा, “मोहन भागवत का बयान आरएसएस की ख़तरनाक कार्यप्रणाली को दर्शाता है- उनकी कथनी और करनी में ज़मीन आसमान का अंतर है।” “आरएसएस का काम करने का तरीक़ा आज़ादी के वक्त जितना ख़तरनाक था, आज उससे भी ज़्यादा है। वे जो बोलते हैं, उसका उल्टा करते हैं।”

“यदि मोहन भागवत को लगता है कि मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर नेतागिरी करना ग़लत है, तो उन्हें बताना चाहिए कि ऐसे नेताओं को उनका संघ संरक्षण क्यों देता है? क्या आरएसएस-बीजेपी में मोहन भागवत की बात नहीं मानी जाती?”

“अगर वह सच में अपने बयान को लेकर ईमानदार हैं तो सार्वजनिक रूप से घोषित करें कि भविष्य में संघ कभी भी ऐसे नेताओं को सपोर्ट नहीं करेगा जिनके कारण समाजिक भाईचारे को ख़तरा पहुंचता है।”

“लेकिन ये ऐसा नहीं कहेंगे क्योंकि मंदिर-मस्जिद संघ के इशारे पर ही हो रहा है। कई मामलों में ऐसे विभाजनकारी मुद्दे को भड़काकर दंगा करवाने वालों का कनेक्शन आरएसएस से निकलता है। ये बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद या बीजेपी से जुड़े होते हैं और संघ वकील दिलाने से लेकर मुकदमे तक में इनकी पूरी मदद करता है।”

“स्पष्ट है- भागवत का बयान सिर्फ़ समाज को गुमराह करने के लिए है। उन्हें लगता है कि ऐसी बातों से आरएसएस के पाप धुल जाएंगे और उनकी छवि अच्छी हो जाएगी। लेकिन उनकी वास्तविकता देश के सामने है।”