इंद्र वशिष्ठ
कोई नया आतंकी संगठन खड़ा ही न हो पाए, इसके लिए सभी आतंकवाद निरोधी एजेंसियों को क्रूर दृष्टिकोण अपनाना होगा। सिर्फ आतंकवाद ही नहीं बल्कि इसके पूरे तंत्र को ध्वस्त करने की ज़रूरत है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 5 अक्टूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो-दिवसीय “आतंकवाद निरोधी सम्मेलन” के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही।
समन्वय बेहतर हो-गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र और राज्यों की एजेंसियों ने पिछले 9 वर्षों में देश में आतंकवाद के सभी स्वरूपों पर मज़बूती से नकेल कसने में सफलता प्राप्त की है। एनआईए के तत्वाधान में देश में एक माडल एंटी टेररिज्म स्ट्रक्चर का गठन करना चाहिए। सभी राज्यों में एंटी-टेरर एजेंसियों की पदानुक्रम, संरचना और जांच के मानक संचालन प्रक्रिया ( एसओपी) एक समान हो, जिससे केंद्र और राज्य की एजेंसियों में बेहतर समन्वय हो सके। नया आतंकी संगठन खड़ा ही न हो पाए, सभी एंटी-टेरर एजेंसियों को ऐसे क्रूर दृष्टिकोण को अपनाना होगा।सभी केन्द्रीय और राज्य-स्तरीय आतंकवाद-निरोधी एजेंसियों के लिए एक समान ट्रेनिंग होनी चाहिए, जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की कार्यपद्धति में एकरूपता लाई जा सके। उन्होंने इस दिशा में एनआईए और आईबी को पहल करने को कहा।
आतंकवाद पर प्रहार-गृहमंत्री ने कहा कि एनआईए, एटीएस और एसटीएफ का काम सिर्फ जांच करना नहीं है, बल्कि इन्हें जांच के दायरे से बाहर निकल कर,लीक से अलग सोच के साथ आतंकवाद पर प्रहार करने की दिशा में काम करना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ग्लोबल से गांव तक और देश के विभिन्न राज्यों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ काम करने की ज़रूरत है।सरकार ने क्रिप्टो , हवाला, टेरर-फंडिंग, संगठित अपराध सिंडिकेट, नार्को-टेरर लिंक्स जैसी सभी चुनौतियों पर सख्त रूख अपनाया है, जिसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं, लेकिन अभी भी काफी कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए केन्द्र और राज्यों, उनकी एजेंसियों और अंतर एजेंसी सहयोग द्वारा हर तरीके से सोचना होगा।
डेटा बेस का इस्तेमाल-केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 5 वर्षों में कई बड़े डेटा बेस तैयार किए हैं। सभी एजेंसियों को इनका बहु आयामी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपयोग करना चाहिए, तभी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि डेटा बेस का उपयोग जांच, अभियोजन, रोकथाम और कार्रवाई के लिए करना चाहिए। उन्होंने हर पुलिस थाने के साथ-साथ युवा पुलिस अधिकारियों से भी डेटा बेस का अधिकतम उपयोग करने पर ज़ोर दिया।
सज़ा दर बढाएं-गृह मंत्री ने 94 प्रतिशत से अधिक दोष सिद्धि दर हासिल करने के लिए एनआईए की प्रशंसा की और कहा कि इस दिशा में और अधिक काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने सभी राज्यों से भी दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा।