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डॉ.बीएच खान का आज शाम पटना में इंतेक़ाल हो गया.उनका ताल्लुक़ गया से था. लम्बे अर्से से पटना के शरीफ कॉलोनी में रह रहे थे.कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे. उनकी उम्र 80 साल की रही होगी.

सामाजिक-राजनीतिक तौर पर भी उनकी अच्छी पहचान थी.शुरुआती दिनों में साउदी अरब में रहने के बाद अस्सी के दशक में गया लौटे और फिर वहीं प्रैक्टिस शुरू की.हड्डी रोग के बेहतरीन डॉक्टर थे.बाद में गया के साथ पटना में भी मरीज़ देखने लगे.मगर गया से उनका रिश्ता बना रहा.

गया में ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ फुटबॉल टूर्नामेंट कराने का श्रेय डॉ.बीएच खान को ही जाता है.जिसमें देश भर की बड़ी फुटबॉल टीमें शामिल हुईं थीं.ऑल इंडिया मुशायरा और सेमिनार के आयोजन में भी उन्होंने सक्रीय भूमिका निभाई थी.गया की जामा मस्जिद कमिटी के अध्यक्ष भी रहे.

पटना में हज यात्रा के दौरान भी वह सक्रीय भूमिका निभाते थे.उनकी मेहमाननवाज़ी मशहूर थी.उनका राजनीतिक सम्बंध जदयू से था.नीतीश कुमार के क़रीबी मुस्लिम रहनुमाओं में शुमार थे.एक बेटी गया में डॉक्टर है और दूसरी बेटी पटना में पार्षद की चुनाव लड़ रही है.उनके निधन से सियासी-सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है. (SAMAY MANTHAN)