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रविवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने दिल्ली विधानसभा में ई-विधान (पेपरलेस सिस्टम) और 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा प्लांट का उद्घाटन किया। इस पहल के साथ ही दिल्ली विधानसभा देश की पहली ऐसी विधानसभा बन गई है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा पर संचालित होगी और कार्यप्रणाली में पेपर का प्रयोग नहीं होगा।
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस अवसर को ऐतिहासिक और भविष्य के लिए निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा कि केवल 100 दिनों में ई-विधान प्रणाली और सौर ऊर्जा परियोजना को पूरा किया गया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के मंदिर में आधुनिकता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक उल्लेखनीय शुरुआत बताया।
गुप्ता ने कहा, “27 वर्षों में जो बदलाव आज देखने को मिला है, वह गर्व और आनंद का विषय है। दिल्ली विधानसभा अब ई-विधान एप्लिकेशन से पूरी तरह जुड़ गई है, जिससे इसकी कार्यप्रणाली डिजिटल और पारदर्शी बन गई है। यह पहल अब देश की अन्य विधानसभाओं के लिए भी प्रेरणा बनेगी।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 4 अगस्त से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र पूरी तरह पेपरलेस होगा और केवल डिजिटल माध्यमों से ही संचालन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक भवन की विरासत को भी याद करते हुए कहा कि 1911 में बनी यह विधानसभा देश की पहली विधानसभा है, और अब आधुनिकता के साथ इसकी विरासत को संरक्षित किया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी इस उपलब्धि को सराहा और कहा कि विधानसभा के मूल ढांचे को बिना किसी बदलाव के आधुनिक रूप में तब्दील किया गया है। उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि शायद उन्हें इस काम में कोई लाभ नहीं दिखा, इसलिए इस दिशा में कभी गंभीर प्रयास नहीं हुए।
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार के विधायक सड़कों से लेकर विधानसभा तक जनता के लिए समर्पित हैं और यह कार्य उन्हीं प्रयासों का परिणाम है।
दिल्ली विधानसभा की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत संदेश है, बल्कि डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की ओर बढ़ता हुआ एक सशक्त कदम भी है।
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