
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई अंतरराष्ट्रीय पहल ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच शुरू की है। इसके तहत भारत ने आज बुधवार को सांसदों का पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पांच देशों की यात्रा पर भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जदयू सांसद संजय कुमार झा कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तान के सीधे और छिपे हुए आतंकवादी संबंधों को दुनिया के सामने उजागर करना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल भारत के उस रुख को दिखाएगा, जिसमें वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाता है। यह यात्रा भारत की राजनयिक रणनीति का हिस्सा है और इसका लक्ष्य वैश्विक समर्थन जुटाना है।
यह प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया की यात्रा करेगा। ये नेता 22 मई को टोक्यो (जापान), 24 मई को दक्षिण कोरिया, 27 मई को सिंगापुर, 28 मई को इंडोनेशिया और 31 मई को मलेशिया पहुंचेंगे। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, प्रधान बरुआ, हेमांग जोशी, तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी और पूर्व राजदूत मोहन कुमार जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
यह पहल केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक विशेष मिशन है। इसके तहत 21 मई से 5 जून के बीच, 59 सांसदों, पूर्व मंत्रियों, वरिष्ठ राजनयिकों और राजनीतिक नेताओं के 7 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की यात्रा करेंगे। यह पहली बार है कि भारत ने इतने बड़े पैमाने पर बहुपक्षीय विदेश संपर्क अभियान शुरू किया है।
इस पहल के तहत, सभी प्रतिनिधिमंडलों को उन दस्तावेजों और खुफिया सूचनाओं से लैस किया गया है जो पाकिस्तान की सेना और ISI की आतंकवाद में भागीदारी को साबित करते हैं। इसमें हाल ही में LOC पार किए गए ऑपरेशन सिंदूर के सबूत भी शामिल हैं, जिनमें आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को इन प्रतिनिधिमंडलों को ब्रीफ किया। उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार है और अब उसने इसे रोकने के लिए स्पष्ट और ठोस नीति अपनाई है। पाकिस्तान द्वारा हाल ही में दिए गए संयुक्त जांच के प्रस्ताव को भी भारत ने खारिज कर दिया है। मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान से भारतीय जमीन पर आतंकी हमलों की जांच करवाना उसी तरह है जैसे चोर से उसके अपराधों की जांच करवाना।”
सभी प्रतिनिधिमंडल उन देशों की सरकारों, सांसदों, मीडिया, नागरिक समाज, प्रवासी भारतीयों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र से मिलकर भारत का पक्ष रखेंगे। इस अभियान का मुख्य संदेश है: “आतंकवाद चाहे कहीं भी हो, वह हर जगह शांति के लिए खतरा है, और भारत इस लड़ाई में अकेला नहीं है।” ऑपरेशन सिंदूर भारत का एक बड़ा कूटनीतिक प्रयास है, जिससे दुनिया को यह बताया जा रहा है कि आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं होनी चाहिए और जो देश उन्हें समर्थन देते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।