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वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों के वैश्विक स्‍तर पर नीतिगत फैसले लेने आवश्यक है क्‍योंकि इससे उभरती और विकसित दोनों अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं। वॉशिंग्टन डीसी में भारत की जी20 की अध्यक्षता के अन्तर्गत जी20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक के समापन पर उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए यह बात कही। यह बैठक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक समूह की 2023 की स्प्रिंग बैठकों से अलग इस महीने की 12 और 13 तारीख को आयोजित की गई थी।

श्रीमती सीतारामन ने बैठक के संभावित परिणामों पर बताया कि वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने कम और मध्यम आय वाले देशों में ऋण के बढ़ते दबाव को स्‍वीकार किया और इससे निपटने के लिये बहुपक्षीय समन्वय को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बैठक वैश्विक अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय तंत्र, सतत वित्त, वित्तीय क्षेत्र, वित्तीय समावेशन और अंतर्राष्ट्रीय कराधान विषयों पर तीन सत्रों में आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि जी20 के सदस्यों ने आर्थिक विकास और जलवायु वित्त सहित 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को सशक्त बनाने के महत्वपूर्ण एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने के लिये भारत की अध्यक्षता में किये गये प्रयासों की प्रशंसा की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की। इस बैठक में जी20 सदस्य देशों के लगभग तीन सौ 50 प्रतिनिधि, 13 आमंत्रित देश और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों ने भागीदारी की।

वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली पर आयोजित सत्र में सदस्यों ने यूक्रेन युद्ध, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वित्तीय स्थिरता से संबंधित मौजूदा जोखिमों सहित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की मुख्य चुनौतियों पर चर्चा की। बैठक में कहा गया कि जलवायु वित्त पोषण पर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। सदस्यों ने सहमति जताई कि जी20 वैश्विक आर्थिक भरपाई के लिए अनुकूल व्यवस्था को बढ़ावा देने में योगदान कर सकता है।

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