BIZ DESK
घरेलू शेयर बाज़ारों में आज उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र के बाद सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। शुरुआती गिरावट के बाद निवेशकों की चुनिंदा खरीदारी ने बाज़ार को सहारा दिया। सेंसेक्स 40 अंकों की बढ़त के साथ 83,978 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 41 अंक बढ़कर 25,763 पर स्थिर रहा।

बड़े शेयरों की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन देखा गया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.6% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.7% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह संकेत मिला कि निवेशकों की रुचि मध्यम आकार की कंपनियों में बनी हुई है।


बाज़ार का रुख: अस्थिरता के बीच स्थिरता

वैश्विक संकेत कमजोर रहने के बावजूद घरेलू बाज़ारों में दिनभर हल्की गिरावट और सुधार का दौर चलता रहा। ऑटो, टेलीकॉम और रियल एस्टेट शेयरों में खरीदारी से सेंसेक्स और निफ्टी को सहारा मिला।
सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयर बढ़त में रहे, जो बाज़ार में संतुलित धारणा को दर्शाता है।


क्षेत्रवार प्रदर्शन

ऑटो सेक्टर: बिक्री उम्मीदों से तेज़ी

वाहन निर्माताओं के शेयरों ने आज बाज़ार को मजबूती दी।

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के शेयर 1.7% बढ़े।
  • दूसरी ओर मारुति सुज़ुकी के शेयर में 3.4% की गिरावट रही, क्योंकि ग्रामीण मांग धीमी रहने की आशंका जताई जा रही है।
    कुल मिलाकर, ऑटो सेक्टर में उत्साह का माहौल है, खासकर ईवी उत्पादन और त्योहारी बिक्री की उम्मीदों से।

बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र: स्थिर मजबूती

बैंकिंग शेयरों में हल्की तेजी देखी गई।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में 1.4% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निजी बैंकों में मिला-जुला रुख रहा।
क्रेडिट ग्रोथ और बेहतर एसेट क्वालिटी को देखते हुए यह क्षेत्र दीर्घकालिक रूप से मजबूत बना हुआ है।


टेलीकॉम सेक्टर: सबसे बड़ा बढ़त वाला क्षेत्र

टेलीकॉम इंडेक्स में आज 2.9% की तेज़ी दर्ज की गई।
कंपनियों के टैरिफ बढ़ोतरी और ARPU (प्रति उपभोक्ता औसत राजस्व) में सुधार की उम्मीदों ने इस क्षेत्र को मजबूती दी।
5G सेवाओं और डेटा उपयोग में बढ़ोतरी से इस सेक्टर के मुनाफे में और सुधार की संभावना है।


रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर: नई ऊर्जा

रियल्टी इंडेक्स में 2.3% की बढ़त रही।
आवासीय मांग में वृद्धि, ब्याज दरों की स्थिरता और सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीदों ने सेक्टर को समर्थन दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े शेयर भी बजट-पूर्व निवेश घोषणाओं से लाभान्वित हुए।


हेल्थकेयर: स्थिर रुझान

हेल्थकेयर इंडेक्स में 1.1% की वृद्धि हुई।
फार्मा और हॉस्पिटल कंपनियों में खरीदारी देखने को मिली, विशेष रूप से अमेरिकी निर्यात और स्थिर घरेलू दवा कीमतों की उम्मीदों से।


आईटी और एफएमसीजी: हल्की कमजोरी

आईटी सेक्टर में दबाव देखा गया, जहां टीसीएस (TCS) के शेयर 1.4% गिरे।
वैश्विक आईटी खर्च में कमी और डॉलर में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
एफएमसीजी शेयरों में भी हल्की गिरावट रही — आईटीसी 1.5% टूटा।
यह क्षेत्र स्थिर तो है, परंतु फिलहाल किसी नए ट्रिगर की कमी है।


यूटिलिटीज और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: मामूली गिरावट

दोनों सेक्टरों में 0.2% की गिरावट दर्ज की गई।
बिजली कंपनियों में मुनाफावसूली और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में कमी के कारण हल्का दबाव बना रहा।


बाज़ार की व्यापकता

बीएसई पर कुल 4,461 शेयरों में कारोबार हुआ —

  • 2,227 बढ़े,
  • 2,009 गिरे, और
  • 225 अपरिवर्तित रहे।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि बाज़ार की समग्र धारणा सकारात्मक और स्थिर बनी हुई है।


आगे की दिशा

विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों, कच्चे तेल की कीमतों और कॉरपोरेट नतीजों के आधार पर अस्थिरता बनी रह सकती है।
हालांकि, मजबूत घरेलू आर्थिक संकेतक, म्यूचुअल फंड की निरंतर खरीदारी और सरकारी निवेश योजनाएं बाजार के लिए लंबी अवधि में सहारा बनी रहेंगी।