
Domestic Benchmark शेयर बाज़ार सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने मंगलवार को लगातार चौथे सत्र में बढ़त दर्ज की, हालांकि आख़िरी घंटे में हुई मुनाफ़ावसूली के कारण ऊपरी स्तरों से फिसलकर मामूली बढ़त के साथ बंद हुए।
कारोबार की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई और दिनभर बैंकिंग, ऑटो और मेटल शेयरों में मजबूती से बाज़ार को सहारा मिला। लेकिन अंतिम घंटे में आईटी, फ़ार्मा और ऊर्जा शेयरों में बिकवाली से बाज़ार की बढ़त सिमट गई।
कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 137 अंकों (0.17%) की बढ़त के साथ 81,927 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 31 अंक (0.12%) चढ़कर 25,108 के स्तर पर बंद हुआ।
मिड-कैप में मजबूती, स्मॉल-कैप में कमजोरी
बीएसई के व्यापक सूचकांकों में मिश्रित रुख रहा। मिड-कैप इंडेक्स में 0.4% की बढ़त दर्ज की गई, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर शेयरों में खरीदी देखने को मिली। वहीं स्मॉल-कैप इंडेक्स 0.1% फिसला, क्योंकि निवेशकों ने हालिया तेज़ी के बाद मुनाफ़ा वसूला।
सेक्टोरल प्रदर्शन
बैंक निफ्टी में 0.5% की बढ़त रही, जिसमें एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में तेजी दिखी।
ऑटो सेक्टर में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में मजबूती रही, मासिक बिक्री आंकड़े बेहतर रहने से।
मेटल शेयर करीब 0.6% चढ़े, वैश्विक बाज़ारों में कमोडिटी कीमतों की मजबूती के चलते।
आईटी शेयरों में लगभग 0.3% की गिरावट आई, अमेरिकी बाज़ारों में मांग की चिंताओं से दबाव बना।
फ़ार्मा और हेल्थकेयर शेयरों में 0.4% की गिरावट रही, प्रमुख कंपनियों के मिश्रित तिमाही नतीजों के चलते।
ऊर्जा और तेल-गैस शेयरों में हल्की कमजोरी रही, क्योंकि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मामूली उछाल दर्ज किया गया।
बाज़ार का रुख और आगे की राह
विदेशी निवेश और वैश्विक बॉन्ड यील्ड में नरमी से निवेशकों का रुख सकारात्मक बना हुआ है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि आगामी दिनों में औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले बाज़ार में थोड़ी गिरावट या सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिल सकता है।
कुल मिलाकर, बाज़ार की धारणा अभी भी मजबूत है, लेकिन विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक मजबूत मूलभूत वाली बड़ी और मिड-कैप कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि निकट भविष्य में अस्थिरता बढ़ सकती है।
