नई दिल्ली, 8 सितंबर:
भारत सरकार द्वारा हाल ही में की गई GST (वस्तु एवं सेवा कर) में कटौती को युवाओं के सशक्तिकरण, स्वस्थ जीवनशैली और सस्ती मोबिलिटी की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। फिटनेस, परिवहन और खेल जैसे अहम क्षेत्रों में टैक्स में भारी राहत दी गई है, जिससे युवाओं पर आर्थिक बोझ कम होगा और समावेशी विकास को गति मिलेगी।


अब फिटनेस होगी ज्यादा सुलभ

सरकार ने जिम और फिटनेस सेंटर पर GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया है। इस फैसले से खासकर शहरी युवाओं और पेशेवरों के लिए फिटनेस सेवाएं अधिक किफायती हो जाएंगी।

फिट इंडिया मूवमेंट को मजबूती देने वाला यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है। एक जिम संचालक ने कहा, “अब आम लोगों को भी अच्छी फिटनेस सुविधाएं मिल पाएंगी, जिससे जिम में रजिस्ट्रेशन बढ़ने की उम्मीद है।”


सस्ती साइकिल, साफ पर्यावरण

साइकिल और उसके पुर्जों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे छात्र, कामकाजी युवा और फिटनेस प्रेमी साइकिल को एक सस्ता और टिकाऊ परिवहन साधन बना सकेंगे।

लुधियाना के एक साइकिल निर्माता ने कहा, “यह कदम पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है और गरीब तबकों के लिए भी राहत भरा है।”


खिलौने और खेल सामान अब होंगे किफायती

खेल सामग्रियों और खिलौनों पर GST अब 12% से घटकर 5% हो गया है। इससे बच्चों और युवा खिलाड़ियों के लिए जरूरी सामान सस्ता होगा, जिससे खेलों में भागीदारी बढ़ेगी।

बेंगलुरु के एक खेल सामान विक्रेता ने कहा, “अब स्कूल और छोटे क्लब भी बेहतर क्वालिटी के उपकरण खरीद सकेंगे।”


दोपहिया वाहन खरीदना होगा आसान

350cc तक की बाइक और स्कूटर पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। यह कदम छात्रों, डिलीवरी पार्टनर्स और युवाओं के लिए राहत भरा है, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में जहां दोपहिया वाहन ही मुख्य साधन होते हैं।

एक डीलर ने बताया, “फेस्टिव सीजन में बिक्री में उछाल आने की पूरी उम्मीद है।”


छोटी कारें भी हुईं सस्ती

छोटी कारों पर भी GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे पहली बार गाड़ी खरीदने वालों और युवा परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।

ऑटो कंपनियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। एक कार कंपनी के अधिकारी ने कहा, “इससे कार बाजार को बूस्ट मिलेगा और लोगों की जीवनशैली में सुधार आएगा।”


युवाओं के लिए केंद्रित विकास की दिशा में बड़ा कदम

ये सभी GST सुधार सरकार की उस सोच का हिस्सा हैं, जिसमें युवा शक्ति, सतत जीवनशैली, और आसान जीवन को बढ़ावा देना शामिल है। यह आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों से भी मेल खाता है।

नीति विशेषज्ञों और उद्योग जगत का मानना है कि इन फैसलों से न केवल बाजार में मांग बढ़ेगी, बल्कि दीर्घकालीन सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन भी देखने को मिलेंगे।