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सागर परिक्रमा का तीसरा चरण आज सूरत के हजीरा बंदरगाह से आरंभ हुआ। केंद्रीय मछली पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला ने मछुआरों के मुद्दों का समाधान करने के लिए इस परिक्रमा की शुरूआत की।
श्री रूपाला ने सूरत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ग्रामीण और समुद्री अर्थव्यवस्था में मछली पालन की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि मछली पालन और संबद्ध क्षेत्रों का निर्यात 57 हजार करोड़ रूपये तक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मछली पालन क्षेत्र के लिए 32 हजार करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न योजनाएं लागू की हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सागर परिक्रमा मछली पालन क्षेत्र के सभी पक्षों से सीधा संवाद करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का मंच है।
तीन दिन तक चलने वाली यह परिक्रमा मुंबई में 21 फरवरी को समाप्त होगी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और अधिकारी परिक्रमा के रास्ते में पड़ने वाले गांवों के मछुआरों से संवाद करेंगे।
सागर परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र से संबंधित सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी मछुआरों को देना है। इसके उद्देश्यों में जिम्मेदार मछली पालन और समुद्री पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देना तथा मछुआरा समुदाय के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना है।