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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पूरा विश्व, देश की वास्तविक नियंत्रण रेखा से नियंत्रण रेखा तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परिकल्पना वाले आत्मनिर्भर भारत के सशक्त अवतार को देख रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता के सामने जब भी कोई चुनौती आती है तो उसका उचित जवाब दिया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था और भारत को लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए देखकर उन्हें गर्व होता। भारत में उनके बलिदान और योगदान का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें याद करते रहें क्योंकि नेताजी देश के साहस के लिए प्रेरणा हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जब इस वर्ष देश अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है तब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, ऐसे में नेताजी का जीवन, उनके कार्य, उनकी अदम्य साहस भावना और उनके निर्णय हम सब के लिए बड़ी प्रेरणा का स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी ने विदेशों में रह रहे भारतीयों की चेतना को जागृत किया और पूरे देश के हर जाति, पंथ और हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बना दिया। जिस तरह से भारत कोविड महामारी से लड़ रहा है और पड़ोसी देशों को कोविड-19 टीकों की आपूर्ति करके मदद कर रहा है, उसकी सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे नेताजी ने भारत को स्वतंत्र कराने में भूमिका निभाई, उसी तरह पश्चिम बंगाल को भी देश को आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
श्री मोदी ने कहा कि कोलकाता का दौरा हमेशा उनके लिए एक भावनात्मक क्षण रहा है। उन्होंने कहा कि हावड़ा कालका मेल का नाम बदल कर नेताजी के नाम रखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी से संबंधित फाइलें एनडीए सरकार द्वारा अस्वीकृत कर दी गई थीं।
सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व और दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने एक महिला रेजिमेंट-झांसी की रानी का निर्माण उस समय किया जब लोग महिलाओं की क्षमता पर संदेह व्यक्त कर रहे थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इंडियन नेशनल आर्मी-आईएनए के चार वरिष्ठ सहयोगियों और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया और एक डाक टिकट तथा एक स्मारक सिक्का जारी किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा 1926 से 1936 तक लिखे गए पत्रों का संकलन भी उनकी उपस्थिति में जारी किया गया।
प्रधानमंत्री आज दोपहर कोलकाता पहुंचे और उन्होंने दक्षिण कोलकाता स्थित सेनानी सुभाष चन्द्र बोस के पैतृक निवास स्थान- नेताजी भवन का दौरा किया और महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय पुस्तकालय परिसर का अवलोकन किया। उन्होंने नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किया और कलाकार शिविर का दौरा किया।