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वंदे भारत अभियान में समुद्र सेतु के तहत मालदीव से भारतीयों को लेकर दूसरा युद्धपोत आज शाम कोच्चि के लिए रवाना हो गया। आई एन एस – मगर लगभग 202 भारतीय नागरिकों को ला रहा है और मंगलवार शाम तक इसके कोच्चि पहुंचने की संभावना है। भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया सुबह शुरू हुई। लोगों को माले और अन्य द्वीपों से माले हवाई अड्डे पर लाया गया जहां उनकी आव्रजन तथा चिकित्सा संबंधी औपचारिकताएं पूरी की गईं। इस पूरी प्रक्रिया में परस्पर सुरक्षित दूरी और अन्य सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा गया। पूरी प्रक्रिया में मालदीव सरकार और स्थानीय स्वयं सेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इससे पहले पहला युद्धपोत आई एन एस-जलाश्व 698 यात्रियों को लेकर कोच्चि पहुंचा था। इनमें 19 गर्भवती महिलाएं और 14 बच्चे शामिल थे। ये लोग सरकार के विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के अभियान के तहत लाए गए हैं। इस कार्यक्रम को समुद्र सेतु का नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना अभी तक चार युद्धपोतों में तकरीबन दो हजार भारतीयों को मालदीव से ला चुकी है। दोनों युद्धपोतों के अगले सप्ताह तूतीकोरिन के लोगों को भारत लाने की संभावना है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वदेश लाने की प्रक्रिया में रोगियों, फंसे हुए पर्यटक, गर्भवती महिलाओं और रोजगार खो चुके प्रवासी मजदूरों को प्राथमिकता दी जा रही है। मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त सुंजय सुधीर ने पड़ोसी देशों से भारतीयों को लाने का सबसे बड़ा अभियान करार दिया है और इसके लिए मालदीव सरकार को धन्यवाद दिया है।