प्रदीप शर्मा
गोवा के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने में विफल रही कांग्रेस ने इस मामले को लेकर संसद में हंगामा खूब हंगामा किया. इस हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.
गोवा में कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और इस पूरे घटनाक्रम में राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस मामले में गोवा की राज्यपाल और अरुण जेटली के खिलाफ कार्य स्थगित कर चर्चा किए जाने के लिए नोटिस दिया है.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली से सलाह मशविरा किया. उन्होंने कहा कि अगर गोवा की राज्यपाल ने जेटली से सलाह ली है तो यह संवैधानिक मानकों का खुला उल्लंघन है.
दिग्विजय सिंह ने एक अखबार में छपे राज्यपाल के इंटरव्यू के अंश पढ़े, जिनमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि उन्हें बीजेपी के सरकार बनाने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के बजाय बीजेपी को आमंत्रित करने का निर्णय लेने से पहले उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली से परामर्श किया था. दिग्विजय ने कहा कि यह संवैधानिक मानकों का उल्लंघन है कि हम यह मुद्दा राष्ट्रपति के समक्ष ले जाएंगे और उनसे राज्यपाल की बर्खास्तगी की मांग करेंगे.
वहीं बीजेपी पर विधायकों के खरीफ-फरोख्त का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह कहते हैं, ‘मैं आपको एक बात बता दूं, राहुल गांधी बिल्कुल सही कहते हैं कि उन्होंने चोरों की तरह (बहुमत) हासिल किया है. उन्होंने डैकैती की है. चोरी-डकैती रात में ही की जाती है. इसलिए जब सारे लोग सो रहे थे, तब उन्होंने गोवावासियों के निर्णय पर डाका डाला… बीजेपी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.’
दिग्विजय ने गोवा में बीजेपी सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले नितिन गडकरी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, ‘नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे आदेश मिला और मैं झोला लेकर चला गया. अब गडकरी को बताना चाहिए की उनके झोले में क्या था? उस झोले से उन्होंने किसे क्या-क्या बांटा यह बताना चाहिए