अगूस्ता हेलीकॉप्टर सौदे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को जब राज्यसभा में इस मामले पर बयान दिया। रक्षा मंत्री ने न केवल सौदे से जुडे तमाम तथ्य पेश किए बल्कि ये भी साफ कर दिया कि यूपीए सरकार ने सौदे के समय कई गडबडियां की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपीए ने सौदे के दौरान सिंगल वेंडर के लिए माहौल तैयार किया ताकि अगूस्ता को ही ये सौदा मिल सके।
उन्होंने कहा कि फील्ड ट्रायल के दौरान भी गड़बडी की गयी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सौदे के समय अगूस्ता की बोली को शुरुआत में ही रद्द कर दिया जाना चाहिए था।उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के लिए अनुरोध अगूस्ता इटली को दिया गया जबकि जवाब अगूस्ता ब्रिटेन की ओर से आया। सौदे के लिए बाकी वेंडर्स को छूट नहीं दी गयी।
पर्रिकर ने कहा कि इटली के कोर्ट ने भी माना है कि सौदे में कई स्तरों पर चूक हुई है।उन्होंने कहा कि सौदा सीएजी की सलाह पर रद्द हुआ है और देश जानना चाहता है कि भ्रष्टाचार कैसे हुआ, किसने उसको बढावा दिया और किसको फायदा पहुंचा।
इससे पहले बीजेपी नेता और सदन के मनोनीत सदस्य सुब्रमणयम स्वामी ने इस मामले में सदन में तमाम तथ्य पेश किए।स्वामी ने सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से पूछताछ की मांग की।
चर्चा के दौरान सदस्यों ने जहां मामले की निष्पक्ष और तेजी से जांच की मांग की वहीं सिंघवी ने कांग्रेस पर लगे आरोपों को खारिज किया और आरोप प्रत्यारोप की जगह मामले की जल्द जांच की मांग की।
कुल मिलाकर सदन में चली बहस के बाद सरकार ने साफ कर दिया है कि ये मामला पूरी तरह से भ्रष्टाचार का है और सरकार इस मामले की तह तक जाएगी।
सरकार के भरोसे के बाद उम्मीद है कि सीबीआई तेजी से मामले की जांच करके घूस लेने वालों के नामों का खुलासा करेगी ।