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मंत्रियों के समूह (जी.ओ.एम.) ने आज कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति और इससे निपटने के तौर तरीकों की उच्च स्तरीय समीक्षा की। यह मंत्री समूह की 13वीं बैठक थी, जिसमें कोविड-19 महामारी की स्थिति और उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतियां दी गई। बैठक में महामारी से बचाव और प्रकोप को रोकने के लिए केन्द्र, विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के उपायों पर विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया। मंत्री समूह को बताया गया कि सभी जिलों को दिशानिर्देशों का पालन करने और कोविड-19 से निपटने की रणनीति तय करने को कहा गया है।
मंत्री समूह को प्रत्येक राज्य में उपलब्ध आइसोलेशन बैड, पी.पी.ई. किट, सर्जिकल मास्क, दवा, वेन्टिलेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर के पर्याप्त भंडार के बारे में बताया गया। बैठक में बताया गया कि देश में प्रतिदिन एक लाख से अधिक पी.पी.ई. किट और सर्जिकल मास्क का निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल देश में पी.पी.ई. किट बनाने वाली एक सौ चार कारखाने और सर्जिकल मास्क बनाने वाले तीन कारखाने हैं।
मंत्री समूह ने देशभर में कोविड की जांच तथा जांच किट की उपलब्धता तथा कोविड प्रभावित केन्द्रों के प्रबंधन की समीक्षा भी की। बैठक में बताया गया कि देशभर में करीब 92 हजार गैर सरकारी संगठन स्व सहायता समूह और नागरिक संगठन प्रवासी मजदूरों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। इन संगठनों को राज्य सरकारों को वित्तीय मदद दे रहे हैं और भारतीय खाद्य निगम अनाज उपलब्ध करा रहा है।
मंत्री समूह को अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर, नेशनल कैडेट कोर तथा अन्य को मिलाकर एक डाटा बेस तैयार किया गया है। इसे राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और अन्य संगठनों के साथ साझा किया गया है। फिलहाल इस डाटा बेस पर एक करोड़ 24 लाख लोगों का ब्यौरा उपलब्ध है। इन लोगों को कोविड योद्धा के तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें से दस लाख लोग प्रशिक्षण ले चुके हैं।
बैठक में मंत्री समूह को बताया गया कि देश में कोविड-19 से मृत्यु दर तीन दशमलव एक प्रतिशत है, जबकि स्वस्थ होने की दर बीस प्रतिशत से अधिक है। यह कई देशों से बहुत बेहतर है। फिलहाल देश में कोविड संक्रमितों की संख्या नौ दशमलव एक दिन में दोगुनी हो रही है।
बैठक के दौरान मंत्री समूह के अध्यक्ष केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी से प्रत्येक स्तर पर निपटने वाले योद्धाओं के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ भेद-भाव की चुनौती से निपटने की तत्काल आवश्यकता है। बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेशमंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर, गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द रॉय ने हिस्सा लिया।