कहा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिए दोहरे मापदंड नहीं हो सकते
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आतंकवाद से निपटने में दोहरे मानदण्डों का अपनाना जारी रहा तो इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। रूस, भारत और चीन – देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ प्रभावी वैश्विक कार्रवाई जरूरी है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। श्रीमती स्वराज ने कहा कि इन देशों को आतंकवाद की समस्या के मुकाबले के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ लाने में नेतृत्व करना होगा।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती स्वराज ने यह बयान जैश-ए मोहम्मद सरगना और पठानकोट आतंकी हमले के मुख्य षडयंत्रकारी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रस्ताव को चीन द्वारा रोके जाने के मुद्दे को वहां के विदेश मंत्री वांग यी के साथ उठाये जाने के बाद दिया है।
बाद में श्री वांग यी और रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोफ के साथ संयुक्त रूप से संवाददाताओं से बातचीत में श्रीमती स्वराज ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रभावी वैश्विक रणनीति बनाये जाने की जरूरत है। इसमें संयुक्त राष्ट्र की भी प्रमुख भूमिका होनी चाहिए।
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से मुलाकात की और श्रीनगर के व्यापारी, यासिर जावेद की रूस में हत्या का मामला उठाया। उन्होंने इसके बारे में पूछताछ की। पिछले महीने कजान शहर में अज्ञात शरारती तत्वों के हमले में यासिर की मौत हो गई थी। श्रीमती स्वराज ने कहा कि जांच के बाद दोषी व्यक्तियों को दंड मिलना चाहिए।
विदेश मंत्री ने दो भारतीय छात्राओं की मृत्यु का मामला भी उठाया जो पश्चिमी रूस में एक चिकित्सा विश्वविद्यालय में फरवरी में अग्निकांड में मारी गई थी।