ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आश्वासन दिया है कि उनका देश भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए विश्वसनीय भागीदार हो सकता है। दोनों देशों ने संपूर्ण संबंधों विशेषकर तेल और गैस क्षेत्र में आपसी सहयोग में विस्तार करने का फैसला किया है। कल तेहरान पहुंची श्रीमती स्वराज ने आज श्री रूहानी से मुलाकात की।
दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा सहयोग बढ़ाना और चाबहार बंदरगाह का विकास बातचीत का मुख्य बिंदु थे। बातचीत के दौरान ज्यादातर समय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत में ईरान में फरजद -बी क्षेत्र को नीलामी से अलग रखने के ईरानी सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
इससे पहले श्रीमती स्वराज ने अपने ईरानी समकक्ष जावाद जरीफ के साथ विचार-विमर्श किया। बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने लंबित वरीय व्यापार समझौता, दोहरा कराधान बचाव समझौता और द्विपक्षीय निवेश संधि को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर सहमति जताई।
श्रीमती स्वराज ईरान से दो दिन के मॉस्को दौरे के लिए रवाना हो गई हैं, जहां वे रूस, भारत और चीन के विदेशमंत्रियों की सालाना बैठक में हिस्सा लेंगी।