By तेजस्वी यादव

बिहार आज एक साथ कई चुनौतियों से घिरा हुआ है – एक तरफ़ कृषि क्षेत्र की हालत बेहद पस्ता है और दूसरी तरफ़ बेरोज़गारी दर बढ़ती चली जा रही है। कोरोना महामारी के चलते बड़े स्तर पर पलायन के दौरान भी राज्य व्यवस्था हाथ बांधे खड़ी रही। दिल्ली से ताने मारे गए और जो साथी काम कर भी रहे थे उन्हें रोका गया।

स्वास्थ्य; प्रार्थमिक और उच्च शिक्षा; कानून व्यवस्था और सुरक्षा; छोटे उद्योग और व्यापार; सूचना प्रद्योगिकी का विकास; कला और संचार जैसे कई मौलिक मुद्दे हैं जिन पर एक नयी सोच और दृढ़ता से काम करने की सख्त ज़रुरत है।

कुछ ऐसे काम हैं जिन्हे फ़ौरन किया जा सकता है – जैसे रिक्त पदों पर भर्ती। कुछ ऐसे हैं जिन्हें इस संकट की घड़ी में प्राथमिकता देना ज़रूरी है – जैसे स्वस्थ्य और खाद्य सुरक्षा। और कुछ ऐसे हैं जिन्हें लागू करने की आज हमारे पास एक ऐतिहासिक अवसर है। अवसर है पुराने सोचने के तरीकों को नकारने का और नए सिरे से मज़बूत बुनियाद रखने का। यह बिहार के युवा का हमारे ऊपर क़र्ज़ है। बिहार मेहनत से नहीं डरता – देश के निर्माण में बिहार ने बढ़ चढ़ के योगदान दिया है। अब ज़रूरी है की बिहार निर्माण में हम सब साथ आएं। यह सोच और दृढ़ता हमारे गठबंधन का मुख्य सूत्र है। अच्छी विशेषज्ञ राय ली जायगी, लोक-भागीदारी होगी, और किसी भी स्तोत्र से जहां से सहायता मिल सके, उसका दरवाज़ा खटखटाया जाएगा, जब तक खुल न जाए।

सीटों और उम्मीदवारों के चयन से कहीं पहले हम लोगों ने लोक सम्बन्धी मुद्दों पर गहरी समझ बनायी है। लोगों के बीच में जा कर उनकी मुश्किलों, उनके सरोकारों को समझते रहे है। आप लोगों से यह बातें छुपी हुई नहीं हैं – और हम ने भी लोकहित को ऊपर रखते हुए गठबंधन को जोड़ कर रखने की भरसक कोशिश की पर मौक़ापरस्तों और सेंघमारों को लोगों के विश्वास से ज़्यादा सत्ता का लालच था। तब से अब तक – सभी ने देखा होगा की हम ने बेझिझक और पूरे ज़ोर के साथ लोगों की आवाज़ संसद से मीडिया, और मीडिया से गली चौराहों तक उठायी है।

उस समय भी जब सत्ता पक्ष के लोग बाहर निकलने से कतरा रहे थे। हम आपके साथ थे, खड़े हैं, खड़े रहेंगे – दृढ़ता से। आपसे उम्मीद ही की आप हम पर विश्वास क़ायम रखेंगे।