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भारतीय राजनीति की महान हस्ती, विलक्षण राजनेता, पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल का 95 वर्ष की उम्र में कल रात निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। केन्द्र सरकार ने आज और कल दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, और सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी

प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब के मलोट के पास अबुल खुराना में हुआ था। उन्होंने 1957 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मलोट से और 1969 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा सीट से विधानसभा में प्रवेश किया। वे 11 बार विधायक चुने गए, और केवल दो बार चुनाव हारे। स्वतंत्रता के बाद से सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक प्रकाश सिंह बादल वर्ष 1947 में राजनीति में आए थे। मोदी सरकार ने उन्हें 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें पंजाब में भाईचारा बनाए रखने के प्रयासों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उन्‍होंने सरपंच से मुख्‍यमंत्री तक का सफर तय किया था। वे पंजाब के सबसे युवा और साथ ही उम्रदराज मुख्यमंत्री भी रहे। उन्‍होंने पहली बार 1970 में 43 साल की उम्र में मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली, तब वो पंजाब के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे और उन्होंने गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। लेकिन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। बाद में, वे 1977 से 1980, 1997 से 2002, 2007 से 2012 और 2012 से 2017 तक चार बार मुख्यमंत्री बने। 1977 में, वे केंद्र में मोरारजी देसाई सरकार में कृषि मंत्री के रूप में शामिल हुए थे।

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