देश की आधी आबादी यानि महिलाओं को देश की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रुप से बराबरी की हिस्सेदारी मिलें इसके लिये केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय महिला नीति का मसौदा जारी किया है ।
इस मसौदे मे पहली बार अकेली महिला के अधिकारों और अवसरों की बात की गयी है। महिला को बराबरी की दिशा में उन बातों पर भी ध्यान दिया गया है जिसमें अभी तक कुछ कार्यों को परंपरा समझते हुये महिलाओं का ही कार्य माना जाता है।
इसके अलावा इस नई नीति में प्रुमखता से जिन क्षेत्रों को स्थान दिया गया है उसमें स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, और पोषण को प्राथमिकता दी गयी है।
इसके तहत गांव, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में प्रशिक्षित एएनएम, आशा और आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की पहुंच को बढ़ाना है जिससे गरीब तबकों की महिलाओं के लिये कल्याणकारी योजनाओं को उन तक पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाया जाये।
दूसरा शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता मे रखा गया है जिससे प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना, 100 प्रतिशत लड़कियों का स्कूल में पंजीकरण सुनिश्चित कराने के लिये अच्छा माहौल पैदा करना है।
तीसरा आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी को बढ़ाना है जिसमें कार्यस्थलों पर महिलाओं की संख्या बढ़ाना, पुरुष और महिलाओं की आय में विसंगतियों को दूर करना है।
कृषि के क्षेत्र को पुरुष प्रधान न समझकर महिलाओं के लिये अवसर पैदा करने जैसी योजनायें नई राष्ट्रीय महिला नीति का हिस्सा होंगी, औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं को कुशल प्रशिक्षण देकर उनकी भागेदारी सुनिश्चित करने जैसे बडे कदम उठाने जैसे फैसले भी इस नई नीति के मसौदे में रखे गये है।
महिलओं के प्रति होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिये मुख्य रुप से कई योजनायें पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जिला और तहसील स्तर पर न्याय उपलब्ध कराने के लिये अदालतों का निर्माण, बाल विवाह, लिंग अुनपात बराबर करने के लिये जागरुकता अभियान और इसमें लड़के लड़कियों की भागेदारी स्कूल और कालेजों से ही शुरुआत करने जैसे महत्वपूर्ण योजनायें इसमें शामिल हैं।
मीडिया, प्रशासन और शासन में भी महिलाओं की हिस्सेदारी न सिर्फ बराबरी की हो बल्कि नीति निर्धारण में भी उन्हें अहम भूमिका मिले केंद्र सरकार की नयी राष्ट्रीय महिला नीति 2016 के मसौदे में रखी गयी है।
उम्मीद है इस से भविष्य में न सिर्फ महिलाओं की तकदीर बदलेगी बल्कि वो देश की आर्थिक, सासंकृतिक और सामजिक मजबूती में देश का अहम हिस्सा बनेंगी।