AMN
तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इससे पहले बुधवार को सुनवाई में प्रधान न्यायधीश जस्टिस खेहर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पूछा कि क्या मुस्लिम महिलाओं को निकाहनामे के वक्त ही तीन तलाक के लिए इंकार का विकल्प दिया जा सकता है।
बोर्ड ने इसे अच्छा सुझाव तो माना लेकिन कहा कि सभी काज़ी इसे लागू करेंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है। बोर्ड ने बताया कि गत दिनों एक प्रस्ताव पारित कर पहले ही ऐसा कहा जा चुका है कि अगर कोई तीन तलाक़ की प्रथा का दुरुपयोग करता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसके लिए दिशा निर्देश भी पारित किए थे। बहस के दौरान अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जब 25 मुस्लिम देशों में यह कानून नहीं है तो यह इस्लाम का हिस्सा कैसे हो सकता है।
सरकारी वकील ने कहा कि अगर कोर्ट ऐेसा फैसला देती है तो सरकार इसके बदले नया कानून लाने को तैयार है।