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कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में अम्फन तूफान से प्रभावित पश्चिमी बंगाल और ओड़ीशा में स्थिति की समीक्षा की। बैठक में इन राज्यों के मुख्य सचिवों ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के सटीक पूर्वानुमान और पहले से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती से पश्चिम बंगाल में लगभग पांच लाख और ओडीशा में दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिली।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने बताया कि चक्रवात से कृषि, बिजली आपूर्ति तथा दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ओडीशा के मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में विशेषकर कृषि को नुकसान पहुंचा है। कैबिनेट सचिव ने केन्द्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे दोनों राज्यों से संपर्क बनाए रखें और सभी आवश्यक सहायता तुरंत उपलब्ध कराएं।
गृहमंत्रालय, नुकसान का शुरूआती जायजा लेने के लिए अपनी टीमें भेजेगा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, पश्चिम बंगाल विशेषकर कोलकाता में पुनर्निमाण कार्यों में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त टीमें भेजेगा। भारतीय खाद्य निगम अनाज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। विद्युत मंत्रालय और दूरसंचार विभाग दोनों राज्यों में सेवाएं बहाल करने में सहायता करेंगे। रेलवे ने जल्द फिर से रेलगाडि़यां चलाने की प्रक्रिया शुरू की है।
अम्फन तूफान का असर झारखंड के कुछ जिलों में देखा गया है। ये जिले हैं साहिबगंज, दुमका, पाकुड, चतरा, गोड्डा और सरायकेला खर्सांवा। इनके अलावा पूर्वी तथा पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुछ इलाके भी तूफान से प्रभावित हुए हैं। इन स्थानों पर रूक-रूक कर वर्षा हुई है। तेज हवाओं और वर्षा के कारण कई पुरानी इमारते ढह गई हैं और कई को नुकसान पहुंचा है। साहिबगंज और सरायकेला खर्सांवा में कुछ लोग घायल हो गए हैं। सड़कों पर पानी भर गया है। इन जिलों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। इन जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई थी।
इस बीच, भारतीय मौसम विभाग की रांची इकाई के निदेशक ने बताया है कि राज्य में शनिवार से मौसम सामान्य हो जाएगा।