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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गुवाहाटी कैंपस के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए दोष सिद्धि के लिए न्याय प्रणाली के साथ फोरेंसिक विज्ञान जांच को एकीकृत करने के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि असम और पूर्वोतर राज्यों के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अब गुवाहाटी में छात्र फोरेंसिक का अध्ययन कर सकेंगे। श्री शाह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में विशिष्ट विश्वविद्यालय है और इसमें शत-प्रतिशत रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम है।
श्री शाह ने कहा कि देश फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और कुछ वर्षों में देश में सबसे अधिक संख्या में फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञ होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वैज्ञानिक रूप से जांच नहीं की जाती है, तब तक किसी भी अपराधी को दंडित नहीं किया जा सकता। फोरेंसिक विज्ञान, अपराधी को दंडित करने के लिए पूरे सबूत प्रदान कर सकता है।
श्री शाह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के छात्र और अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। श्री शाह ने असम पुलिस सेवा सेतु इंटरएक्टिव ऐप भी लॉन्च किया। इस ऐप के माध्यम से ई-एफआईआर सहित पुलिस स्टेशनों पर गए बिना 26 तरह की सेवाएं ली जा सकती है। उन्होंने गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में विश्वविद्यालय के अस्थायी परिसर की भी शुरुआत की।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय असम को देश का ज्ञान केंद्र बनाने में मदद देगा। श्री सरमा ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान से दोष सिद्धि की दर में वृद्धि होगी और इससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा।