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अमेरिका के वॉशिंगटन में बीते मंगलवार को आयोजित क्वाड देशों की एक अहम बैठक में विदेश मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस हमले के दोषियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाने की मांग की और सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सहयोग करने की अपील की। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा कि इस “घृणित” हमले के आयोजकों, फंडिंग करने वालों और हमलावरों को बिना देरी के सजा मिलनी चाहिए और सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक सहयोग करना चाहिए। गौरतलब है कि इस हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। क्वाड की इस वर्ष की दूसरी मंत्री स्तरीय बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने हिस्सा लिया। जयशंकर ने बैठक से पहले कहा, “भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का पूरा अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारे क्वाड साझेदार इसे समझेंगे।”

बैठक के दौरान विदेश मंत्रियों ने इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की भी चर्चा की, जिसकी मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा हिस्सा लेंगे। इसके अलावा मुंबई में इस वर्ष “क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप” की शुरुआत करने की योजना पर भी सहमत हुए। क्वाड की रणनीतिक प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए विदेश मंत्रियों ने चार प्रमुख क्षेत्रों-समुद्री और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा, उभरती और महत्वपूर्ण तकनीक, तथा मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया पर केंद्रित एक नई महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सहयोग से क्वाड इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करने में और अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेगा।

वहीं दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने के प्रयासों पर विदेश मंत्रियों ने चिंता जताई, जिसमें जल तोपों का खतरनाक उपयोग, नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता में बाधा, और सैन्य व तटरक्षक जहाजों की टकरावकारी गतिविधियां शामिल हैं। आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित बनाने के लिए क्वाड ने “क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव” की शुरुआत की, जो महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुरक्षित और विविधतापूर्ण बनाने पर केंद्रित है। इसके अलावा, उन्होंने पहली बार “क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क” नामक फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास कराने की योजना बनाई है, ताकि आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को तेजी से और सामूहिक रूप से अंजाम दिया जा सके।

बैठक में उत्तर कोरिया की परमाणु और मिसाइल गतिविधियों की भी कड़ी निंदा की गई। नेताओं ने उस पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन और हथियार कार्यक्रम बंद करने का दबाव डाला। साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा साइबर अपराध, क्रिप्टोकरंसी चोरी और विदेशों में मजदूरों के जरिये फंड जुटाने की गतिविधियों पर भी गंभीर चिंता जताई। म्यांमार संकट पर भी क्वाड देशों ने वहां की सैन्य सत्ता और अन्य पक्षों से युद्धविराम को लागू करने, विस्तार देने और शांति बहाल करने की अपील की।

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