AMN / प्रदीप शर्मा
महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव युद्ध की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम के बाद राज्य में भड़की हिंसा को उकसावे का परिणाम बताते हुए कांग्रेस ने लोकसभा में आज इस घटना के लिए हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। वहीं सरकार ने इस मुद्दे पर विपक्षी दल पर हिंसा की आग को बुझाने के बजाय उसे भड़काने का आरोप लगाया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया और कहा कि वह दलितों से जुड़ी इस तरह की घटनाओं पर हमेशा चुप रहते हैं और वह मौनी बाबा बने हुए हैं। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से इस मामले में सदन में बयान देने की मांग की। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा घटना की जांच कराने की भी मांग की।
उधर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी हिंसा की आग को बुझाने के बजाय उसे और भड़काने का काम कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि खड़गे जी महाराष्ट्र की समस्या का निदान नहीं करना चाहते, बल्कि उसे भड़काना चाहते हैं। वह राजनीति करना चाहते हैं।
अनंत कुमार ने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश की हार के बाद कांग्रेस हताशा में है। महाराष्ट्र में शांति की कामना के बजाय वे इसे भड़काना चाह रहे हैं और जिस तरह अंग्रेज शासक ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाते थे, उसी तरह कांग्रेस ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति कर रहे हैं। अनंत कुमार ने कहा कि हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ काम कर रहे हैं। कुमार ने कहा कि आज सदन को शांति का पैगाम देने का मंच बनना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘खड़गे, राहुल गांधी और कांग्रेस आग को बुझाने के बजाय उसे भड़काने का काम कर रहे हैं।’’
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए खड़गे ने कहा कि देश में दलितों पर कुछ शक्तियां अत्याचार कर रही हैं और उन्हें हमेशा निचले पायदान पर रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि दलित जब स्वाभिमान के साथ जीना चाहते हैं और कोई कार्यक्रम करते हैं तो कुछ लोग उसमें दखल देकर और उकसाकर उसका फायदा उठाना चाहते हैं।
खड़गे ने कहा कि भीमा-कोरेगांव की घटना में भी यही हुआ जहां पिछले कई दशकों से श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया जाता रहा है और कभी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी लेकिन एक जनवरी को वहां जो हुआ, उसके बारे में पता लगाया जाना चाहिए कि किसने लोगों को उकसाया? कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी कार्रवाई की हो लेकिन हम मांग करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में मामले की जांच करानी चाहिए। खड़गे ने कहा कि समाज में विभाजन की कोशिश की जा रही है और कट्टर हिंदूवादी लोगों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने इस काम को अंजाम दिया है।
संघ पर उनके इस आरोप का भाजपा के सदस्यों ने विरोध किया। बीच में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खड़गे को अपनी बात समाप्त करने का आग्रह किया और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय को बोलने की अनुमति दी।
बात पूरी नहीं होने और बीच में माइक बंद होने से खड़गे नाराज हो गये कि उन्होंने अपने हाथ में मौजूद कागजों को फाड़ दिया। कांग्रेस के अन्य सदस्य भी जोर जोर से खड़गे को बात पूरी करने देने की मांग करने लगे। बाद में खड़गे ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि गुजरात के उना, राजस्थान और अब महाराष्ट्र में दलितों पर अत्याचार की घटना सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जहां जहां भाजपा की सरकार हैं, वहां ज्यादा अत्याचार हो रहा है।’’ तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार स्थिति को भांपने और हिंसा रोकने में विफल रही।