प्रदीप शर्मा
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत को सदन में विश्वास मत हासिल करने की अनुमति दी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सदन में 10 मई को शक्ति परीक्षण कराए जाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि कांग्रेस के नौ अयोग्य विधायक विश्वास प्रस्ताव में मतदान नहीं कर सकते। हरीश रावत के विश्वास मत साबित करने हेतु मतदान के एकमात्र एजेंडा के तहत उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र 10 मई को 11 बजे से एक बजे के बीच बुलाया जाएगा। कोर्ट ने साथ ही कहा कि उत्तराखंड में विश्वास मत परीक्षण के दौरान दो घंटे के लिए राष्ट्रपति शासन अस्थायी रूप से अपने आप ही समाप्त हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विश्वास मतदान के दौरान प्रस्ताव का पक्ष लेने वाले विधायकों को सदन के एक ओर, जबकि इसके विरोधी सदस्यों को सदन के दूसरी ओर बैठना होगा। विधानसभा के सभी अधिकारियों को प्रक्रिया का पालन करना होगा और इसमें किसी प्रकार का विचलन नहीं होगा। विश्वास परीक्षण के लिए मतदान के अलावा विधानसभा में अन्य कोई चर्चा नहीं होगी और मतदान की कार्यवाही पूरी तरह से शांति एवं बिना व्यवधान के होनी चाहिए।
साथ ही राज्य सचिव एवं राज्य के पुलिस महानिदेशक निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी बाधा के बगैर सभी पात्र सदस्यों के विधानसभा प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करें।