नवाजिश आलम
मुरादाबाद! उत्तर प्रदेश मंेे आदित्यनाथ योगी की कयादत में बीजेपी सरकार बनने के बाद से दलितों पर सवर्ण तबके खुसूसन ठाकुरों के तरह-तरह के जुल्म शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में मुरादाबाद और संभल के कई गांवों में ठाकुरों ने नाइयों को यह हुक्म दे दिया कि वह दलितों खुसूसन वाल्मीकियों को अपनी दुकान में कुर्सियों पर बिठाकर बाल न काटंें। सवर्णों की जानिब से लगाई गई इस पाबंदी को पहले तो नाइयों ने मजाक समझा लेकिन जब उन्हें धमकियां मिलने लगीं तो वह भी डर गए और वाल्मीकियों से साफ कह दिया कि अब वह अपने बाल कटवाने और दाढी बनवाने का इंतजाम अपनी सतह से खुद ही कर लें। इस आर्डर से वाल्मीकि समाज में बेचैनी फैल गई। पहले तो वाल्मीकियो ने कोशिश की कि अगर सारी दुकानांे पर न सही तो एक दो बारबर उनके बाल काट दिया करें। उसमें भी कामयाबी हासिल नहीं हुई तो भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज ने फैसला कर लिया कि वाल्मीकि समाज के लोग हिन्दू मजहब छोडकर इस्लाम कुबूल कर लेंगे। इस एलान ने खलबली मचा दी कुछ सवर्णों और हिन्दू वादी तंजीमों (संगठनों) के लोगों ने वाल्मीकियों को समझाने की कोशिश की लेकिन वाल्मीकि नहीं माने।
सवर्णों के इस तुगलकी फरमान से परेशान तकरीबन पचास वाल्मीकि परिवारों के लोगों ने अपने घरों में मौजूद देवी-देवताआंे की तमाम मूर्तियां निकाल कर उन्हें राम गंगा नदी के हवाले कर दिया। जब यह लोग मूर्तियां लेकर दरिया किनारे पहुचे तो बजरंग दल की एक टीम ने वहां पहुचकर उन्हेे समझाने की कोशिश की लेकिन वह लोग नहीं माने। उन्होने मूर्तियां राम गंगा के हवाले कर दीं और साथ ही यह एलान कर दिया कि बहुत जल्द कम से कम 500 वाल्मीकि हिन्दू मजहब छोड़कर मुसलमान बन जाएंगे। वाल्मीकियों के लीडर लल्ला बाबू द्रविड ने कहा कि जो लोग पिछली अखिलेश सरकार के दौरान खुद को समाजवादी बताकर हमारे साथ हर तरह की ज्यादतियां करते थे उन्हीं लोगोे ने अब गले मंे भगवा दुपट्टा डालकर हमें परेशान करना शुरू कर दिया। यह लोग सरकार की आड़ में ठेकेदारी और नाजायज वसूली के काम मंेे लगे है।
वाल्मीकि लीडर लल्ला बाबू द्रविड का इल्जाम है कि सूबे मे बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही दलितों को सताया और परेशान किया जा रहा है। सहारनपुर और संभल के वाक्यात इस बात के सुबूत हैं कि बीजेपी सरकार मे दलितों के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है। उन्होने कहा कि मुरादाबाद में आरटीओ दफ्तर में जबरन ठेका हासिल करने के लिए बीजेपी वर्करों ने दलितांें पर गोलियां चलवाई और दलितांे के खिलाफ ही रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। उन्होने इल्जाम लगाया कि बीजेपी लीडरान और वजीरों के दबाव में दलितों को दबाया सताया और कुचला जा रहा है। लल्ला बाबू का कहना था कि दलितों के खिलाफ दर्ज केस खारिज करके बीजेपी लीडरों के खिलाफ केस दर्ज करने का मतालबा किया है। उन्होेेने कहा कि अगर उनके मतालबात न माने गए तो वह लोग इस्लाम मजहब अपना लेंगे।
संभल के फतेहपुर शमसोई में सवर्णों के जरिए वाल्मीकियों के बाल काटे जाने या न काटे जाने पर लेकर बारबर्स में दो ग्रुप बन गए हैं। लेकिन पुलिस खामोश तमाशाई बनी रही। तो हेयर ड्रेसर्स ने दुकानों मंे ताले डाल दिए हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पुलिस की मौजूदगी मे हुई पंचायत में भी कोई हल नहीं निकला। नतीजा यह कि भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के लीडर का कहना था कि अगर बारबर ने बाल नहीं काटे तो वह अपना मजहब तब्दील कर लेंगे। इस मामले मंे प्रधान के शौहर छोटे लाल का कहना था कि गांव में 17 जातों के लोग रहते हैं उनका कहना है कि गांव में जाटव और वाल्मीकि के लोग सैलून पर बाल नहीं कटवाते थे।
गांव के कुछ लोगों का कहना था कि मामला तब से बिगड़ना शुरू हुआ जब तकरीबन सवा महीने पहले गांव में एक नया सैलून खुला जिसने एलान किया कि उसके सैलून में कोई भी बाल कटवा सकता है। तो वाल्मीकि समाज के कुछ लोग उसके यहां बाल कटवाने पहुच गए। जिसपर गाव वालों ने एतराज किया और वाल्मीकियों के बाल काटने पर मना किया इसी बात पर झगड़ा हो गया तो गांव के सभी हेयर डेªसर ने अपनी दुकानें बंद कर दीं हैं। वाल्मीकि लीडर ने कहा कि सभी सैलूनो ंपर वाल्मीकियों के बाल काटे जाएं और जिन लोगों ने बाल काटने से मना किया है उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। वाल्मीकियों का कहना है कि अगर उनकी बात न मानी गई तो वह लोग इस्लाम मजहब कुबूल कर लंेगे। उन लोगों की इस धमकी के बाद गांव के प्र्रधान और दीगर लोग वाल्मीकियो को मनाने में लगे हैं लेकिन वह लोग मानने को तैयार नहीं आ रहे है। Jadeed Markaz