28 प्रतिशत की ऊंची स्लैब में केवल पचास वस्तुएं। नई दरें इस महीने की 15 तारीख से प्रभावी
AMN/ GUWAHATI
वस्तु और सेवाकर परिषद ने व्यापारियों और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए 178 वस्तुओं पर जी.एस.टी. दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी है। अब 28 प्रतिशत की सबसे ऊंची स्लैब में केवल पचास वस्तुएं होंगी। नई दरें इस महीने की 15 तारीख से प्रभावी होंगी। गुवाहाटी में कल जी एस टी परिषद की 23वीं बैठक के बाद फैसलों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सभी रेस्टोरेंट के लिए इन पुट टैक्स क्रेडिट वापस लेने का फैसला किया गया है और सभी प्रकार के रेस्त्रां पर 5 प्रतिशत की दर से समान कर लगाया गया है।
हमें एक निर्णय यह लेना पड़ा कि रेस्टोरेन्ट इंडस्ट्री को अब से आईटीसी का बेनीफिट नहीं मिलेगा और जो रेट होगा सभी रेस्टोरेन्ट के लिए ए.सी., नान ए.सी. इररेस्पेक्टिव ऑफ टर्न ओवर जो टैक्स कस्टमर पर पड़ेगा जी.एस.टी. का वो पांच परसेंट रहेगा।
श्री जेटली ने कहा कि परिषद ने 13 वस्तुओं पर कर की दर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत की है। छह वस्तुओं पर टैक्स 12 से घटाकर पांच प्रतिशत और छह अन्य पर 5 प्रतिशत से शून्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक संशोधन का सवाल है परिषद ने 228 वस्तुओं की दरों की समीक्षा की और 213 की दरों में कमी की है।
काउंसिल ने ये फैसला किया 178 आइटम्स 28 से 18 में ट्रांसफर किए गए हैं। इसकी जो डेट होगी अप्लीकेबलटी की वो 15 तारीख से होगी। दो आइटम्स ऐसे हैं जिनको 28 से 12 में लाया गया है। एक वेंट ग्रांइडर्स हैं और एक कोई आर्मर फाइटिंग वेहिकल्स की एक एंट्री है।
बाद में वित्त और राजस्व सचिव ने बताया कि विवरणी देरी से जमा करने के लिए जुर्माने की राशि 200 रुपये प्रतिदिन से घटाकर 50 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जीएसटी परिषद के फैसले से आम आदमी का हित होगा और देश में कर ढांचा मजबूत होगा। ट्वीट संदेशों में उन्होंने कहा कि ये फैसले जी एस टी से जुड़े पक्षों से मिल रहे सुझावों के अनुरूप हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-भावनाओँ का सम्मान हमारी कार्यशैली का हिस्सा है और केन्द्र सरकार के सभी फैसले लोगों की भावनाओं के अनुरूप हैं।
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भारतीय होटल रेस्त्रां परिसंघ ने कहा है कि रेस्तराओं के लिए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत कर कम करने के जीएसटी परिषद के फैसले से देशभर में दाम तर्कसंगत बनेंगे। इस फैसले का स्वागत करते हुए होटल और रेस्त्रां संघ के अध्यक्ष गरिष ओबराय ने कहा कि वे रेस्त्रां पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना जी एस टी दर पांच प्रतिशत करने की मांग कर रहे थे।