अनेक राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया। कहा – इससे आपसी संबंध सुधरेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस और अफगानिस्तान की यात्रा से लौटते हुए कल अचानक लाहौर पहुंचे। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के साथ आपसी हित के मुद्दों पर बातचीत की।
श्री मोदी नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा पर देश में मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्री मोदी की यात्रा का स्वागत करते हुए कहा है कि यह श्री मोदी की नई कूटनीतिक पहल है। दोस्त बदल जाते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदलता। इसलिए बराबर पड़ोसी के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर रखने की कोशिश करनी चाहिए और मैं समझता हूं कि इसी दिशा में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की पहल रही है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाने का निर्णय लेकर राजनेता के रूप में अपने कौशल का परिचय दिया है। ट्वीटर पर उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के साथ ऐसे ही रिश्ते होने चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने यात्रा का स्वागत किया है। पार्टी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रधानमंत्री जी का हमेशा रूख रहा है कि पाकिस्तान यदि एक कदम आगे बढ़ेगा तो भारत दो कदम आगे बढ़ेगा। तो जो भी प्रयास किए जाते हैं उनका स्वागत करना चाहिए। क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच में अगर शांति हो तो न केवल दोनों के लिए अच्छा है लेकिन पूरे रीजन के लिए अच्छा है और पूरे विश्व के लिए अच्छा है।
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा पूर्व निर्धारित थी। पार्टी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सरकार के सम्पर्कों में अनिश्चितता है। कूटनीति में गंभीरता होती है, परिपक्वता होती है, मजाक नहीं होता। सिर्फ खबर बनाने के लिए काम नहीं किया जाता। राष्ट्र हित को बढ़ावा दिया जाता है। व्यक्तिगत हित या व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने के लिए हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ऐसे बात कर सकते हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मुलाकात को अच्छा कदम बताया है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने इस यात्रा की आवश्यकता और परिणाम पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दाऊद इब्राहिम को भारत वापस लाने में मदद मिले तो शिवसेना इसका स्वागत करेगी।
जम्मू कश्मीर में हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीर वाइस उमर फारूख ने इसे अनुकूल कदम बताया है। कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने भी कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार पर कोई आपत्ति नहीं है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने आशा व्यक्त की है कि श्री मोदी की यात्रा से पाकिस्तान के लिए अपनी ज़मीन से सक्रिय आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
आम आदमी पार्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा कौन सा परिवर्तन हुआ, जिसके कारण श्री मोदी को लाहौर जाना पड़ा। जनता दल युनाइटिड के नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की यात्रा से स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि दोस्ती और छल साथ साथ नहीं चल सकते। ऑब्जर्वर रिसर्च फांउडेशन के अध्यक्ष सुधीन्द्र कुलकर्णी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यह साहसिक कदम है। भारत के पूर्व राजनयिक सलमान हैदर ने कहा कि इस कदम से दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की उम्मीदें बढ़ी हैं।
ये एक ऐसा डबलपमेंट है, जिससे उम्मीदें बढ़ रही हैं। अभी हमने हाल में देखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच में तालुकात बहुत ठंढे हो गए थे, उसमें थोड़ी बहुत ढील आ गयी है। इस विजिट से लग रहा है कि हम कुछ न कुछ कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा का अमरीका और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने स्वागत किया है। वाशिंगटन में अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार से समूचे क्षेत्र को फायदा होगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी और इसे कारगर बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव दोनों देशों से बातचीत जारी रखने के लिए काफी समय से आग्रह करते रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बैठक 15 जनवरी को इस्लामाबाद में होगी, हालांकि इसके लिये कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। एक समाचार एजेंसी ने अज्ञात सूत्र के हवाले से कहा कि विदेश सचिव एस जयशंकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से वार्ता के लिए इस्लामाबाद जाएंगे। इस बैठक में द्विपक्षीय समग्र वार्ता के तौर-तरीकों पर चर्चा होगी।