सभी दलों के सांसदों ने किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन को शीघ्र ही पारित करने की इच्छा व्यक्त की है। निर्भया कांड से जुड़े नाबालिग दोषी की रिहाई के विरोध में उठ रही आवाजों को देखते हुए सभी दलों के सांसदों ने यह राय व्यक्त की है। केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा कि सरकार इस विधेयक को लाने और पारित कराने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक तीन बार राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल किया गया था लेकिन कांग्रेस द्वारा बार-बार स्थगन कराए जाने के कारण सदन में इसे रखा नहीं जा सका।
उधर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने विधेयक पारित नहीं कराने के लिए सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि दोषी की रिहाई के लिए सरकार जिम्मेदार है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सभी दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधेयक को पास कराना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने 16 दिसंबर के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने की दिल्ली महिला आयोग की याचिका आज खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति ए0 के0 गोयल और न्यायमूर्ति यू यू ललित की अवकाश पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जो कुछ भी किया गया है वह कानून के अनुसार किया गया है।
पीठ इस तर्क से सहमत नहीं थी कि नाबालिग दोषी को किशोर कानून के तहत दो वर्ष तक और सुधार गृह में रखा जाना चाहिए।
इस बीच, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निर्भया मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कहा कि प्रस्तावित कानून जिससे नाबालिग दोषी को कड़ी सजा दी जा सकती थी, अभी भी राज्यसभा में लम्बित है।
न्यायालय परिसर के बाहर संवाददाताओं से सुश्री मालीवाल ने कहा कि न्यायाधीश दिल्ली महिला आयोग की चिन्ताओं को समझते हैं लेकिन मौजूदा कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। निर्भया के माता-पिता ने न्यायालय के फैसले पर कहा कि कानून में बदलाव के लिए कितनी निर्भया की जरूरत होगी।