केन्द्र सरकार द्वारा पिछले दो सालों में देश के भीतर और बाहर कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों से 50 हजार करोड़ रुपए की कर चोरी और 21 हजार करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगा है।
सरकार द्वारा भारत और विदेशों में कालेधन की समस्या पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं। इनमें कड़े दंड वाले प्रावधानों के साथ एक नया काला धन अधिनियम लागू किया गया। घरेलू कालेधन के लिए एक नई आय घोषणा योजना की शुरुआत की गई।
कठोर कार्यवाही करने से लगभग 50,000 करोड़ रुपए के अप्रत्यक्ष कर चोरी को पकड़ा गया। इसके साथ ही 21,000 करोड़ रुपए की अघोषित आय का भी पता चला। पिछले 2 सालों में तस्करी गतिविधियों में जब्त किए गए सामान की राशि बढ़कर 3963 करोड़ रुपए पहुंच गई। यह पिछले दो वर्षों के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक है।
इस दौरान 1466 मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई। इस तरह के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
कालाधन शोधन अधिनियम के तहत अपराध से आय की परिभाषा में संशोधन किया गया जिससे देश के बाहर स्थित संपत्ति जिसे जब्त करना संभव न हो के लिए भारत में समान संपत्ति की कुर्की या अधिकरण को संभव किया जा सके।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) में भी संशोधन किए गए। इस के तहत किसी व्यक्ति के विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रतिभूति या अचल संपत्ति अर्जित करने की स्थिति में भारत में समान राशि को जब्त करने और अधिग्रहण करने के संशोधन किया गया हैं।