यूपीए सरकार के समय हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में हुए भ्रष्टाचार पर देश की सियासत गर्मा गयी है, रिश्वतखोरी के आरोपों की आंच कई कांग्रेसी नेताओ तक पहुंच गयी है, इस मुद्दे पर भाजपा संसद से लेकर सड़क तक आक्रामक है तो कांग्रेस लगातार इल्ज़ाम से इनकार कर रही है।
सरकार ने कहा है कि अगूस्ता वेस्टलैंड हैलीकॉप्टर सौदे की जांच के काम में तेजी लाई जाएगी और इस मामले में ताजा खुलासों को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा है कि इस सौदे में सोनिया गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम का जिक्र भाजपा ने नहीं बल्कि इटली की अदालत ने किया है। रूड़ी ने बताया कि भाजपा सांसदों ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।
गौरतलब है कि यह सौदा 6 साल पहले हुआ था और अब इस सौदे पर संसद से लेकर सड़क तक सियासत में भूचाल आ गया है । कारण ये है कि सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी लग रहे हैं।
इटली की अदालत के फैसले की कॉपी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पांच भारतीय नेताओं के नाम का जिक्र है और सौदे के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मुख्य कारक बताया गया है। अब बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस आलाकमान को घेर लिया है।
इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने राज्यसभा में चर्चा का नोटिस दे दिया जिसपर चर्चा शुरू होने से पहले ही कांग्रेस की ओर से सफाई देते हुए अखबारों के हवाले से कुछ आरोप लगाए गए जिसका सरकार ने तुरंत खंडन कर दिया। इसके बाद सुब्रमण्यन स्वामी ने जैसे ही मामला उठाया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिया कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस सदस्यों का हंगामा जारी रहा और राज्यसभा बार बार स्थगित होती रही। हालांकि अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को सोनिया गांधी ने खारिज कर दिया। सोनिया गांधी के इंकार के बावजूद बीजेपी इस मामले में आक्रामक मुद्रा में है । मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है इसलिए बीजेपी इसे आसानी ने नहीं छोड़ने वाली है।
वहीं इस मामले पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि इटली की अदालत का फैसला मिल गया है और इसे अंग्रेजी में अनुवाद कराया जा रहा हैं। इसके बाद जो सही होगा वो किया जाएगा।