राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में असहिष्णुता, पूर्वाग्रह और नफरत का कोई स्थान नहीं है। शिक्षण संस्थानों को विविध विचारों के सह-अस्तित्व के लिए ध्वज-वाहक के रूप में काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीजों से निपटने के तरीके और जल्द सीखने की कला से प्रभावित हैं।
इंडिया टुडे कॉनक्लेव में राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी का चीजों से निपटने का अपना तरीका है और मैं जल्द सीखने की उनकी कला के लिए उन्हें श्रेय देता हूं।
उन्होंने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि संसद में बिना किसी पूर्व अनुभव के मोदी ने जटिल अंतर्राष्ट्रीय मामलों और अर्थव्यवस्था के मामलों में श्रेष्ठता हासिल की हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी एक राज्य के सीएम से सीधे प्रधानमंत्री बने हैं, इससे पहले उन्हें संसद का अनुभव भी नहीं था।