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महाराष्ट्र में जहां गठबंधन दल शिवसेना (SHIV SENA )सरकार में बराबर भागीदारी मांग रही है वहीं राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीसने जोर देकर कहा है कि भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने यह भी कहाकि भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन स्थायी सरकार बनाएगा। उधर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 30 अक्टूबर को मुम्बई मेंपार्टी मुख्यालय में होगी। बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
शिवसेना उसे 50:50 का फॉर्मूला याद दिला रही है। वहीं रविवार को ‘सामना’ के जरिए शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। ‘सामना’ शिवसेना का मुखपत्र है और उसमें उसने एनसीपी नेता शरद पावर की तारीफ की है। शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र का परिणाम स्पष्ट है। भारतीय जनता पार्टी ने 106 सीटें जीतीं और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं। यह स्पष्ट बहुमत है लेकिन ‘गठबंधन’ के बावजूद दोनों दलों को बड़ी सफलता नहीं मिली है। 2014 में भाजपा ने 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीती थी। शिवसेना ने यह सफलता तब हासिल की जब वह बड़ी ताकत और जबरदस्त धन से टकराई। इस बार सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन के बावजूद शिवसेना 56 सीटों पर रही। हालांकि यह 56 अपेक्षाकृत कम संख्या है, लेकिन महाराष्ट्र की सत्ता का ‘रिमोट कंट्रोल’ उद्धव ठाकरे के हाथ में है।
‘सामना’ में कहा गया है कि बीजेपी नेताओं और अन्य नेताओं ने कहा था कि महाराष्ट्र में विपक्षी दल नहीं बचेंगे और चुनाव के बाद ‘पवार पैटर्न’ स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगा। ग्रामीण महाराष्ट्र के लोग इस भाषा को पसंद नहीं किया और उसने महाराष्ट्र में एक मजबूत विपक्ष खड़ा किया। इसका श्रेय राज्य के लोगों को दिया जाना चाहिए।
इसमें आगे कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने 164 सीटों पर सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ा था। इसमेंसे 144 सीटों पर वह अकेले चुनाव लड़ी थी। शिवसेना को रोकने और विपक्ष को आगे बढ़ाने की भूमिका पर ठोकर खाई। चुनाव के दौरान आयाराम-गयाराम बहुत हुआ लेकिन एनसीपी से भाजपा या शिवसेना में आने वाले अधिकांश बड़े नेता आम कार्यकर्ताओं से हार गए।